ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत चौथे स्थान पर
परिचय
भारत ने एक बार फिर प्रतिष्ठित ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) 2025 में चौथा स्थान हासिल करके अपनी सैन्य शक्ति का प्रदर्शन किया है। यह रैंकिंग रक्षा में भारत की बढ़ती क्षमताओं और वैश्विक मंच पर इसके रणनीतिक प्रभाव को उजागर करती है। GFP इंडेक्स जनशक्ति, उपकरण, वित्तीय संसाधन और भूगोल सहित विभिन्न कारकों के आधार पर देशों की सैन्य शक्ति का आकलन करता है।
भारत की रैंकिंग और सूचकांक की मुख्य विशेषताएं
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स दुनिया भर के 145 देशों की सैन्य ताकत का मूल्यांकन करता है। भारत का चौथा स्थान इसकी मजबूत सैन्य क्षमताओं को दर्शाता है, जिसे आधुनिकीकरण और उन्नत प्रौद्योगिकी में महत्वपूर्ण निवेशों द्वारा बल मिला है। पावरइंडेक्स स्कोर की गणना करने के लिए इंडेक्स 60 से अधिक कारकों पर विचार करता है, जैसे कि सक्रिय सैन्य कर्मियों की संख्या, हथियार, संसाधन, रसद और भौगोलिक लाभ।
मजबूत सैन्य ढांचे के साथ भारत संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन के बाद अपना स्थान बनाए हुए है, जो क्रमशः शीर्ष तीन रैंक पर हैं। भारत की उच्च रैंकिंग का श्रेय इसके बड़े सक्रिय सैन्य बल, स्वदेशी रक्षा विनिर्माण और वैश्विक रक्षा आपूर्तिकर्ताओं के साथ रणनीतिक साझेदारी को जाता है।
संख्या में भारत की रक्षा शक्ति
भारत के पास उन्नत लड़ाकू जेट, टैंक, नौसैनिक जहाज और मिसाइल सिस्टम सहित सैन्य संपत्तियों की एक प्रभावशाली श्रृंखला है। “मेक इन इंडिया” जैसी पहलों के माध्यम से आत्मनिर्भरता पर हाल ही में जोर देने से इसके रक्षा क्षेत्र को काफी मजबूती मिली है। तकनीकी प्रगति के अलावा, भारत की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और आपात स्थितियों के दौरान संसाधनों को जुटाने की इसकी क्षमता इसकी वैश्विक रक्षा प्रोफ़ाइल को बढ़ाती है।
चुनौतियाँ और आगे की राह
अपनी उच्च रैंकिंग के बावजूद, भारत को अपने प्रतिद्वंद्वियों की आधुनिक सेनाओं से मुकाबला करने के लिए बेहतर बुनियादी ढांचे, सुव्यवस्थित रक्षा खरीद प्रक्रियाओं और तकनीकी उन्नयन की आवश्यकता जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। आगे बढ़ते हुए, भारत का लक्ष्य स्वदेशी रक्षा उत्पादन में निवेश जारी रखना और एक मजबूत वैश्विक शक्ति बने रहने के लिए अपनी साइबर सुरक्षा क्षमताओं को बढ़ाना है।
यह समाचार क्यों महत्वपूर्ण है
प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिकता
सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए, ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स में भारत की रैंकिंग को समझना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह देश की रक्षा क्षमताओं को दर्शाता है, जो अक्सर यूपीएससी, एसएससी और बैंकिंग जैसी परीक्षाओं में एक महत्वपूर्ण विषय होता है।
राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए महत्व
भारत का चौथा स्थान उसकी सीमाओं की सुरक्षा और वैश्विक मंच पर शक्ति प्रदर्शन में देश की तत्परता को दर्शाता है, जो इसे राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संबंधों का एक महत्वपूर्ण पहलू बनाता है।
वैश्विक धारणा पर प्रभाव
यह रैंकिंग एक उभरती हुई वैश्विक शक्ति के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करती है, जिसका उसकी विदेश नीति, व्यापार और रणनीतिक साझेदारी पर प्रभाव पड़ता है। यह भारत के अपने रक्षा बुनियादी ढांचे को मजबूत करने और क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने पर ध्यान केंद्रित करने का प्रमाण है।
ऐतिहासिक संदर्भ
सैन्य आधुनिकीकरण और रक्षा उत्पादन में बढ़ते निवेश के कारण पिछले कुछ वर्षों में जीएफपी सूचकांक में भारत की रक्षा रैंकिंग में लगातार सुधार हुआ है। पिछले वर्षों में, भारत की स्थिति लगातार शीर्ष पांच में रही है, जिसका श्रेय इसकी मजबूत सैन्य शक्ति और रणनीतिक स्थान को जाता है।
सरकार की पहल, जैसे कि “मेक इन इंडिया” अभियान, ने स्वदेशी रक्षा विनिर्माण में उछाल लाया है, जिससे विदेशी आयात पर निर्भरता कम हुई है। इसके अतिरिक्त, भारत वैश्विक शांति अभियानों में एक प्रमुख खिलाड़ी रहा है और आंतरिक और बाहरी दोनों तरह के खतरों से निपटने के लिए अपनी सैन्य संपत्तियों को लगातार उन्नत किया है।
हाल के वर्षों में भारत ने राफेल जेट और उन्नत मिसाइल प्रणालियों सहित अत्याधुनिक रक्षा उपकरण हासिल करने के लिए अमेरिका, फ्रांस और इजरायल जैसे देशों के साथ अपनी रणनीतिक साझेदारी को बढ़ाया है।
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत चौथे स्थान पर
क्रम संख्या | कुंजी ले जाएं |
1 | ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में भारत विश्व स्तर पर चौथे स्थान पर है। |
2 | जीएफपी सूचकांक 60 से अधिक कारकों का उपयोग करके 145 देशों की सैन्य शक्ति का आकलन करता है। |
3 | रैंकिंग में भारत, अमेरिका, रूस और चीन के बाद आता है। |
4 | आधुनिकीकरण और स्वदेशी विनिर्माण में महत्वपूर्ण निवेश से भारत की रैंकिंग में सुधार हुआ। |
5 | चुनौतियों में रक्षा क्षेत्र में बुनियादी ढांचे में सुधार और तकनीकी प्रगति शामिल हैं। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
1. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स (GFP) क्या है?
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स एक व्यापक रैंकिंग प्रणाली है जो दुनिया भर के 145 देशों की सैन्य शक्ति का मूल्यांकन करती है। यह प्रत्येक देश की सैन्य क्षमता की गणना करने के लिए सक्रिय कर्मियों की संख्या, हथियार, वित्तीय संसाधन और भौगोलिक लाभ सहित 60 से अधिक कारकों का उपयोग करता है।
2. GFP इंडेक्स 2025 में भारत को चौथा स्थान क्यों मिला है? GFP
इंडेक्स 2025 में भारत की चौथी रैंकिंग का श्रेय इसकी बड़ी और सुसज्जित सेना, उन्नत रक्षा तकनीक और रक्षा विनिर्माण में बढ़ती आत्मनिर्भरता को जाता है। इसके अलावा, भारत की रणनीतिक भौगोलिक स्थिति और मजबूत सैन्य गठबंधन इसकी उच्च रैंकिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
3. GFP इंडेक्स 2025 में शीर्ष तीन स्थान कौन से देश रखते हैं?
ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स 2025 में शीर्ष तीन देश संयुक्त राज्य अमेरिका, रूस और चीन हैं। इन देशों के पास वैश्विक स्तर पर सबसे बड़ी और सबसे तकनीकी रूप से उन्नत सैन्य शक्तियाँ हैं।
4. ग्लोबल फायरपावर इंडेक्स भारत की विदेश नीति को कैसे प्रभावित करता है?
जीएफपी इंडेक्स में भारत की उच्च रैंकिंग एक मजबूत सैन्य उपस्थिति के साथ वैश्विक शक्ति के रूप में इसकी छवि को मजबूत करने में मदद करती है। यह भारत की विदेश नीति के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि यह इसकी रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करता है और क्षेत्रीय और वैश्विक सुरक्षा मामलों में इसके प्रभाव को बढ़ाता है।
5. अपनी मज़बूत रैंकिंग के बावजूद भारत को अपने रक्षा क्षेत्र में किन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है?
भारत को सैन्य बुनियादी ढांचे में सुधार, रक्षा खरीद प्रक्रियाओं को सुव्यवस्थित करने और आधुनिक सैन्य रुझानों से मेल खाने वाली तकनीकी प्रगति सुनिश्चित करने जैसी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इन मुद्दों को संबोधित करने से यह सुनिश्चित होगा कि भारत वैश्विक सैन्य शक्ति के रूप में अपनी स्थिति बनाए रखे।