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शून्य की उत्पत्ति

भारत में शून्य की उत्पत्ति: ऐतिहासिक अंतर्दृष्टि और गणितीय महत्व

भारत में शून्य की उत्पत्ति शून्य का विकास शून्य, एक अंक जो मात्रा की अनुपस्थिति को दर्शाता है, भारत में 5वीं शताब्दी ई. के आसपास उभरा। इस अवधारणा को पहली बार बक्शाली पांडुलिपि में प्रलेखित किया गया था, जिसे 1881 में पेशावर के पास खोजा गया था। तीसरी या चौथी शताब्दी का यह प्राचीन ग्रंथ,…

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