कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण में संभावित सहयोग की तलाश के लिए हाल ही में एक उच्च स्तरीय यूके प्रतिनिधिमंडल ने ओडिशा का दौरा किया । यह यात्रा शिक्षा और कार्यबल क्षेत्रों में भारत और यूके के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है । प्रतिनिधिमंडल ने तकनीकी शिक्षा, कौशल वृद्धि और रोजगार के अवसरों को बढ़ाने के लिए रणनीतियों पर चर्चा करने के लिए ओडिशा के कौशल विकास और तकनीकी शिक्षा विभाग , उद्योग प्रतिनिधियों और शैक्षणिक संस्थानों सहित प्रमुख हितधारकों से मुलाकात की।
यूके-ओडिशा सहयोग के उद्देश्य
यह यात्रा मुख्यतः निम्नलिखित पर केन्द्रित थी:
- व्यावसायिक प्रशिक्षण को सुदृढ़ बनाना : रोजगार क्षमता बढ़ाने के लिए कौशल आधारित प्रशिक्षण कार्यक्रमों में सुधार करना।
- उद्योग साझेदारी बढ़ाना : प्रशिक्षण को बाजार की जरूरतों के अनुरूप बनाने के लिए उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के साथ सहयोग करना।
- उन्नत शिक्षण तकनीकों का कार्यान्वयन : प्रशिक्षण कार्यक्रमों में एआई और डिजिटल शिक्षण जैसी आधुनिक तकनीकों को एकीकृत करना।
- रोजगार के अवसरों का विस्तार : भारत और ब्रिटेन दोनों में कुशल श्रमिकों के लिए अधिक रोजगार की संभावनाएं पैदा करना ।
चर्चा के प्रमुख क्षेत्र
तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण
तकनीकी शिक्षा और व्यावसायिक प्रशिक्षण को उन्नत करने की आवश्यकता पर जोर दिया । विनिर्माण, आईटी, स्वास्थ्य सेवा और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों पर विशेष ध्यान दिया गया , जिनमें रोजगार की उच्च संभावनाएं हैं।
उद्योग-अकादमिक सहयोग
अकादमिक प्रशिक्षण और उद्योग की आवश्यकताओं के बीच की खाई को पाटने के महत्व पर प्रकाश डाला । ब्रिटेन स्थित संगठनों और भारतीय संस्थानों के बीच साझेदारी से बेहतर पाठ्यक्रम विकास और व्यावहारिक प्रशिक्षण हो सकता है ।
प्रौद्योगिकी-संचालित कौशल संवर्धन
चर्चा में प्रशिक्षण दक्षता बढ़ाने के लिए डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म, एआई-आधारित शिक्षण मॉड्यूल और वर्चुअल सिमुलेशन के उपयोग पर भी चर्चा की गई। इससे ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में छात्रों के लिए गुणवत्तापूर्ण प्रशिक्षण तक पहुँच में सुधार हो सकता है ।
यू.के. में इंटर्नशिप और नौकरी के अवसर
प्रतिनिधिमंडल ने ब्रिटेन के कार्यबल में भारतीय छात्रों और कुशल पेशेवरों के लिए इंटर्नशिप, प्रशिक्षुता और नौकरी की संभावनाओं का पता लगाया ।
ओडिशा के कार्यबल पर सहयोग का प्रभाव
संभावित साझेदारी से ओडिशा के कार्यबल पर सकारात्मक प्रभाव पड़ने की उम्मीद है:
- प्रशिक्षुओं को विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र प्रदान करना ।
- राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय दोनों बाजारों में रोजगार क्षमता में वृद्धि ।
- तकनीकी क्षेत्रों में उद्यमशीलता और स्टार्टअप संस्कृति को बढ़ावा देना ।
- कौशल अंतर को कम करना और भविष्य के लिए तैयार कार्यबल का निर्माण करना ।

यूके-ओडिशा कौशल विकास साझेदारी
यह समाचार महत्वपूर्ण क्यों है?
ओडिशा के कौशल विकास मिशन को बढ़ावा
ब्रिटेन के साथ यह सहयोग कौशल आधारित शिक्षा और कार्यबल सशक्तिकरण को बढ़ाने के ओडिशा के दृष्टिकोण के अनुरूप है ।
भारतीय प्रतिभाओं को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर पहचान
इंटर्नशिप, नौकरी के अवसरों और अंतर्राष्ट्रीय प्रमाणन पर चर्चा से भारतीय पेशेवरों को वैश्विक नौकरी बाजार में बढ़त मिलेगी।
प्रशिक्षण तकनीकों में उन्नति
एआई-संचालित शिक्षण और आभासी प्रशिक्षण मॉड्यूल की शुरूआत के साथ , ओडिशा के कौशल विकास कार्यक्रम अधिक प्रभावी और सुलभ हो जाएंगे ।
भारत-ब्रिटेन संबंधों को मजबूत करना
यह यात्रा शिक्षा और रोजगार के क्षेत्र में भारत और ब्रिटेन के बीच बढ़ते सहयोग को दर्शाती है, जिससे दोनों देशों के कूटनीतिक और आर्थिक संबंध मजबूत होंगे।
ग्रामीण एवं वंचित युवाओं के लिए अवसर
यह पहल वैश्विक स्तर के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को सुलभ बनाकर वंचित छात्रों और नौकरी चाहने वालों को अधिक अवसर प्रदान कर सकती है ।
ऐतिहासिक संदर्भ
भारत के कौशल विकास में ब्रिटेन की भूमिका
ब्रिटेन और भारत का इतिहास रहा है। यूके-भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल (यूकेआईईआरआई) जैसी पहल पहले से ही अकादमिक और कौशल विकास साझेदारी को बढ़ावा देने में सफल रही हैं।
ओडिशा में चल रहे कौशल विकास कार्यक्रम
राज्य ने कौशल विकास मिशन और विश्व कौशल केंद्र जैसी कई पहल शुरू की हैं , जिनका उद्देश्य तकनीकी शिक्षा में सुधार और रोजगार क्षमता को बढ़ाना है।
शिक्षा और रोजगार पर भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय समझौते
व्यावसायिक शिक्षा, अनुसंधान और कार्यबल गतिशीलता में सहयोग को मजबूत करने के लिए कई समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं ।
ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल के ओडिशा दौरे से मुख्य बातें
क्र.सं. | कुंजी ले जाएं |
1 | कौशल विकास और व्यावसायिक प्रशिक्षण में सहयोग की संभावनाएं तलाशने के लिए ब्रिटेन के एक प्रतिनिधिमंडल ने ओडिशा का दौरा किया । |
2 | इसका फोकस तकनीकी शिक्षा, उद्योग साझेदारी और प्रौद्योगिकी-संचालित प्रशिक्षण पर था । |
3 | चर्चा में ब्रिटेन में भारतीय पेशेवरों के लिए इंटर्नशिप और रोजगार के अवसरों पर चर्चा हुई । |
4 | भारत-ब्रिटेन द्विपक्षीय संबंधों और ओडिशा के कौशल विकास मिशन के अनुरूप है । |
5 | बेहतर रोजगार क्षमता के साथ वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी कार्यबल तैयार करना है । |
यूके-ओडिशा कौशल विकास साझेदारी
पूछे जाने वाले प्रश्न
1. ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल की ओडिशा यात्रा का उद्देश्य क्या था?
कौशल विकास, व्यावसायिक प्रशिक्षण और कार्यबल संवर्धन में संभावित सहयोग पर चर्चा करने के लिए ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल ने ओडिशा का दौरा किया ।
2. इस सहयोग से छात्रों और नौकरी चाहने वालों को क्या लाभ होगा?
बेहतर प्रशिक्षण, विश्व स्तर पर मान्यता प्राप्त प्रमाणपत्र, नौकरी के अवसर और उन्नत शिक्षण तकनीक प्रदान करेगी ।
3. इस सहयोग से कौन से उद्योग प्रभावित होंगे?
आईटी, विनिर्माण, स्वास्थ्य सेवा, आतिथ्य और इंजीनियरिंग जैसे क्षेत्रों को सबसे अधिक लाभ होगा।
4. यह पहल भारत-ब्रिटेन संबंधों के साथ किस प्रकार संरेखित है?
शिक्षा, रोजगार और तकनीकी प्रशिक्षण में भारत-ब्रिटेन सहयोग को मजबूत करता है तथा बेहतर राजनयिक और आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देता है।
5. प्रशिक्षण में कौन सी आधुनिक तकनीकें शामिल की जाएंगी?
एआई-संचालित शिक्षा, आभासी वास्तविकता (वीआर) सिमुलेशन और डिजिटल शिक्षा को एकीकृत करेगी
कुछ महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स लिंक्स
