श्री भूपेंद्र यादव ने जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए अरावली ग्रीन वॉल परियोजना की शुरुआत की
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने भारत में जलवायु परिवर्तन का मुकाबला करने के उद्देश्य से 27 मार्च, 2023 को अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का शुभारंभ किया। इस परियोजना में अरावली पर्वत श्रृंखला के 1,300 किलोमीटर के दायरे में पेड़ लगाना शामिल होगा, जो उत्तर भारत के कई राज्यों में फैला हुआ है।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना पेरिस समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता का एक हिस्सा है, जहां देश ने 2030 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 33-35% तक कम करने का संकल्प लिया है। यह परियोजना संयुक्त राष्ट्र के पारिस्थितिकी तंत्र बहाली के दशक के साथ भी संरेखित है, जिसका उद्देश्य पारिस्थितिक तंत्र के क्षरण को रोकना और उन्हें उनकी पूर्व स्थिति में बहाल करना है।
अरावली पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है और यह विविध प्रकार की वनस्पतियों और जीवों का घर है। हालांकि, खनन, वनों की कटाई और शहरीकरण जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण, इस रेंज को वर्षों से गंभीर पर्यावरणीय गिरावट का सामना करना पड़ रहा है। अरावली हरित दीवार परियोजना का उद्देश्य इस मुद्दे का समाधान करना और पेड़ लगाकर और हरित गलियारे बनाकर क्षेत्र के प्राकृतिक आवास की रक्षा करना है।
यह परियोजना राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के सहयोग से लागू की जाएगी। परियोजना के प्रारंभिक चरण में 50 मिलियन पेड़ लगाना शामिल होगा, और परियोजना का कुल लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 500 मिलियन पेड़ लगाने का है।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना से कार्बन पृथक्करण, मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन सहित कई लाभ होने की उम्मीद है। यह स्थानीय समुदायों को रोजगार के अवसर भी प्रदान करेगा और क्षेत्र में जैव विविधता संरक्षण को बढ़ावा देगा।
अरावली ग्रीन वॉल परियोजना जलवायु परिवर्तन से निपटने और अपने पारिस्थितिक तंत्र को बहाल करने के भारत के प्रयासों की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह एक स्थायी भविष्य और आने वाली पीढ़ियों के लिए एक बेहतर दुनिया के लिए देश की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।

बी) यह समाचार क्यों महत्वपूर्ण है:
पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव ने भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 27 मार्च, 2023 को अरावली ग्रीन वॉल परियोजना का शुभारंभ किया। अरावली पर्वत श्रृंखला दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक है और खनन, वनों की कटाई और शहरीकरण जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण गंभीर पर्यावरणीय गिरावट का सामना कर रही है। अरावली हरित दीवार परियोजना का उद्देश्य इस मुद्दे का समाधान करना और पेड़ लगाकर और हरित गलियारे बनाकर क्षेत्र के प्राकृतिक आवास की रक्षा करना है।
सी) ऐतिहासिक संदर्भ:
खनन, वनों की कटाई और शहरीकरण जैसी मानवीय गतिविधियों के कारण अरावली पर्वत श्रृंखला वर्षों से गंभीर पर्यावरणीय गिरावट का सामना कर रही है। इससे क्षेत्र में मिट्टी का क्षरण, पानी की कमी और जैव विविधता की हानि हुई है। अरावली ग्रीन वॉल परियोजना इन मुद्दों को संबोधित करने और क्षेत्र के प्राकृतिक आवास की रक्षा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
घ) “श्री भूपेंद्र यादव ने अरावली हरित दीवार परियोजना का शुभारंभ” से मुख्य तथ्य:
क्रमिक संख्या | कुंजी ले जाएं |
1. | भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए 27 मार्च, 2023 को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव द्वारा अरावली ग्रीन वॉल परियोजना शुरू की गई थी। |
2. | इस परियोजना का उद्देश्य अरावली पर्वत श्रृंखला के 1,300 किलोमीटर के दायरे में पेड़ लगाना है, जो उत्तर भारत के कई राज्यों में फैला हुआ है। |
3. | यह परियोजना पेरिस समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है, जहां देश ने 2030 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 33-35% तक कम करने का संकल्प लिया है। |
4. | अरावली ग्रीन वॉल परियोजना से कार्बन पृथक्करण, मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन सहित कई लाभ होने की उम्मीद है। |
5. | यह परियोजना राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के सहयोग से लागू की जाएगी और कुल लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 500 मिलियन पेड़ लगाने का है। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1। अरावली हरित दीवार परियोजना क्या है?
ए 1। अरावली ग्रीन वॉल परियोजना भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री श्री भूपेंद्र यादव द्वारा शुरू की गई एक वृक्षारोपण पहल है। इसका उद्देश्य अरावली पर्वत श्रृंखला के 1,300 किलोमीटर के दायरे में पेड़ लगाना है।
Q2। अरावली हरित दीवार परियोजना क्यों शुरू की गई थी?
ए2. अरावली ग्रीन वॉल परियोजना भारत में जलवायु परिवर्तन से निपटने और पेरिस समझौते के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के साथ संरेखित करने के लिए शुरू की गई थी, जहां देश ने 2030 तक अपने ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को 33-35% तक कम करने का संकल्प लिया है।
Q3। अरावली हरित दीवार परियोजना के अपेक्षित लाभ क्या हैं?
ए3. अरावली ग्रीन वॉल परियोजना से कार्बन पृथक्करण, मृदा संरक्षण और जल प्रबंधन सहित कई लाभ होने की उम्मीद है।
Q4। अरावली हरित दीवार परियोजना के कार्यान्वयन में कौन शामिल होगा?
ए 4। यह परियोजना राज्य सरकारों, गैर-सरकारी संगठनों और स्थानीय समुदायों के सहयोग से लागू की जाएगी।
Q5। अरावली हरित दीवार परियोजना का लक्ष्य क्या है?
ए 5। अरावली हरित दीवार परियोजना का समग्र लक्ष्य अगले पांच वर्षों में 500 मिलियन पेड़ लगाना है।
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