पीएम-एसजीएमवाई से 2025 तक 10 लाख और 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य हासिल होगा
पीएम-एसजीएमवाई का परिचय
ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से शुरू की गई सरकार की पहल प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान (पीएम-कुसुम) योजना अपने लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठा रही है। इस योजना के तहत सरकार ने 2025 तक 10 लाख सौर पंप और 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य रखा है। यह महत्वाकांक्षी योजना स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों का समर्थन करने के भारत के व्यापक प्रयासों का हिस्सा है।
पीएम-एसजीएमवाई के लक्ष्य
पीएम-एसजीएमवाई का उद्देश्य किसानों को सिंचाई के लिए सौर ऊर्जा का उपयोग करने में सक्षम बनाना है, जिससे डीजल से चलने वाले पंपों का एक स्वच्छ और टिकाऊ विकल्प उपलब्ध हो सके। इससे न केवल कृषि उत्पादकता में सुधार होगा बल्कि पारंपरिक कृषि पद्धतियों से जुड़े कार्बन फुटप्रिंट में भी कमी आएगी। 2025 तक 10 लाख सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य निर्धारित करके, सरकार किसानों को सस्ती सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली तक पहुँच प्रदान करने की उम्मीद करती है, जिससे भारत में अक्षय ऊर्जा क्षेत्र के विकास में योगदान मिलेगा।
किसानों के लिए सौर ऊर्जा संयंत्रों के लाभ
पीएम-एसजीएमवाई के तहत सौर पंप किसानों को कई लाभ प्रदान करते हैं। सबसे पहले, वे पारंपरिक पंपों के लिए एक पर्यावरण-अनुकूल विकल्प प्रदान करते हैं, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने में मदद मिलती है। दूसरा, सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली किसानों के लिए बिजली की लागत को कम करती है और सिंचाई के लिए पानी की निरंतर पहुँच सुनिश्चित करती है, खासकर दूरदराज के इलाकों में जहाँ बिजली की आपूर्ति अविश्वसनीय है। इसके अतिरिक्त, ये प्रणालियाँ उच्च ऊर्जा लागत के अतिरिक्त बोझ के बिना कृषि उत्पादकता को बढ़ाकर किसानों की वित्तीय स्थिरता में सुधार कर सकती हैं।
सरकारी सहायता और नीतिगत पहल
सरकार न केवल वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान कर रही है, बल्कि विभिन्न राज्य सरकारों, वित्तीय संस्थानों और निजी कंपनियों के साथ साझेदारी करके स्थापना प्रक्रिया को भी सुविधाजनक बना रही है। किसान सौर ऊर्जा की स्थापना को और अधिक किफायती बनाने के लिए सब्सिडी और कम ब्याज वाले ऋण का लाभ उठा सकते हैं। सौर ऊर्जा के लिए सरकार का जोर भारत के कार्बन पदचिह्न को कम करने, अंतरराष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं को पूरा करने और सभी नागरिकों, विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों में ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने की उसकी प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
यह समाचार महत्वपूर्ण क्यों है
भारत के स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों में योगदान
भारत ने पेरिस समझौते के तहत अपने राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) के हिस्से के रूप में अपनी अक्षय ऊर्जा क्षमता, विशेष रूप से सौर ऊर्जा का विस्तार करने के लिए महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएँ की हैं। 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्रों के लक्ष्य को प्राप्त करके, भारत जीवाश्म ईंधन पर अपनी निर्भरता को काफी हद तक कम कर देगा, जिससे स्वच्छ, हरित पर्यावरण में योगदान मिलेगा।
किसानों का आर्थिक सशक्तिकरण
पीएम-एसजीएमवाई योजना किसानों के आर्थिक सशक्तिकरण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है, खासकर ग्रामीण और वंचित क्षेत्रों में। सौर ऊर्जा संयंत्र सिंचाई के लिए महंगे और प्रदूषणकारी डीजल जनरेटर पर उनकी निर्भरता को कम करने में मदद करते हैं। इस प्रकार यह योजना किफायती और टिकाऊ ऊर्जा स्रोत प्रदान करके किसानों की वित्तीय भलाई में सुधार करने के लिए दीर्घकालिक समाधान प्रदान करती है।
ग्रामीण विकास और रोजगार सृजन
जैसे-जैसे सौर ऊर्जा संयंत्रों की संख्या बढ़ेगी, पीएम-एसजीएमवाई पहल ग्रामीण विकास में भी योगदान देगी। स्थानीय उद्यमियों और व्यवसायों को सौर पंपों की स्थापना, रखरखाव और मरम्मत से लाभ होगा, जिससे रोजगार सृजन होगा। यह पहल टिकाऊ ऊर्जा समाधानों के माध्यम से ग्रामीण अर्थव्यवस्थाओं को बढ़ावा देने के सरकार के बड़े लक्ष्य के अनुरूप है।
भारत की ऊर्जा स्वतंत्रता के लिए समर्थन
पीएम-एसजीएमवाई जैसी नवीकरणीय ऊर्जा पहलों के लिए सरकार का जोर भी ऊर्जा स्वतंत्रता प्राप्त करने के राष्ट्रीय लक्ष्य के अनुरूप है। आयातित जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और सौर ऊर्जा को अपनाने से भारत वैश्विक बाजार में ऊर्जा मूल्य में उतार-चढ़ाव के प्रति कम संवेदनशील हो जाएगा, जिससे भविष्य की पीढ़ियों के लिए ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
ऐतिहासिक संदर्भ: पृष्ठभूमि की जानकारी
नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्रालय (एमएनआरई) द्वारा 2019 में पीएम-कुसुम योजना की शुरुआत की गई थी, जिसका उद्देश्य किसानों, खासकर ग्रामीण भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देना था। पिछले कुछ वर्षों में भारत ने धीरे-धीरे अपने नवीकरणीय ऊर्जा पोर्टफोलियो का विस्तार किया है, जिसका लक्ष्य 2030 तक 500 गीगावाट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता तक पहुंचना है। भारत के नवीकरणीय ऊर्जा संक्रमण की व्यापक छत्रछाया में यह योजना देश को अपने जलवायु परिवर्तन लक्ष्यों को पूरा करने में मदद करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सौर सिंचाई पंप पहल जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करने और टिकाऊ कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। सौर पंपों के साथ भारत के शुरुआती प्रयोगों का पता सरकार और निजी संगठनों द्वारा शुरू की गई विभिन्न पायलट परियोजनाओं से लगाया जा सकता है, जिन्होंने ग्रामीण विकास के लिए सौर ऊर्जा की क्षमता का प्रदर्शन किया। पीएम-एसजीएमवाई के शुभारंभ के साथ, इन छोटे पैमाने की परियोजनाओं को अब एक बड़े राष्ट्रीय कार्यक्रम में एकीकृत किया गया है जिसका उद्देश्य सौर पंपों को व्यापक रूप से अपनाना है।
“पीएम-एसजीएमवाई से 2025 तक 10 लाख और 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्र लगाने का लक्ष्य प्राप्त होगा” से प्राप्त मुख्य बातें
सीरीयल नम्बर। | कुंजी ले जाएं |
1 | सौर ऊर्जा अपनाने को बढ़ावा देने के लिए पीएम-एसजीएमवाई का लक्ष्य 2025 तक 10 लाख तथा 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा स्थापनाएं स्थापित करना है। |
2 | इस पहल का उद्देश्य किसानों को सौर पंप उपलब्ध कराना तथा कृषि उत्पादकता में सुधार लाना है। |
3 | सौर ऊर्जा संयंत्रों को अधिक किफायती बनाने के लिए सरकारी सब्सिडी और कम ब्याज दर वाले ऋण की पेशकश की जाती है। |
4 | यह योजना भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों और अंतर्राष्ट्रीय जलवायु प्रतिबद्धताओं के अनुरूप है। |
5 | पीएम-एसजीएमवाई ग्रामीण विकास में योगदान देगा, रोजगार सृजन करेगा और जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता को कम करेगा। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न
पीएम-एसजीएमवाई योजना क्या है?
- पीएम-एसजीएमवाई (प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभियान) योजना भारत सरकार द्वारा कृषि में सौर ऊर्जा के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए एक पहल है। इसका उद्देश्य किसानों के लिए सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली स्थापित करना, पारंपरिक ऊर्जा स्रोतों पर निर्भरता कम करना और स्वच्छ ऊर्जा को बढ़ावा देना है।
पीएम-एसजीएमवाई के अंतर्गत सौर ऊर्जा स्थापना का लक्ष्य क्या है?
- सरकार का लक्ष्य पीएम-एसजीएमवाई पहल के तहत 2025 तक 10 लाख सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना तथा 2027 तक 1 करोड़ सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना है।
पीएम-एसजीएमवाई से किसानों को क्या लाभ होगा?
- यह योजना किसानों को सौर ऊर्जा से चलने वाली सिंचाई प्रणाली प्रदान करके महंगे डीजल पंपों पर अपनी निर्भरता कम करने में मदद करती है। यह बिजली की लागत कम करती है, विश्वसनीय जल आपूर्ति सुनिश्चित करती है और पर्यावरण के अनुकूल खेती के तरीकों को बढ़ावा देती है।
पीएम-एसजीएमवाई के अंतर्गत किसानों के लिए क्या प्रोत्साहन उपलब्ध हैं?
- किसान सौर ऊर्जा से चलने वाले पंपों की स्थापना को और अधिक किफायती बनाने के लिए सरकारी सब्सिडी और कम ब्याज दर वाले ऋण का लाभ उठा सकते हैं। सरकार स्थापना प्रक्रिया का समर्थन करने के लिए वित्तीय संस्थानों के साथ साझेदारी भी करती है।
भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के लिए पीएम-एसजीएमवाई क्यों महत्वपूर्ण है?
- पीएम-एसजीएमवाई भारत के बड़े नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों के अनुरूप है, जिससे देश को अपने कार्बन उत्सर्जन को कम करने, जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता कम करने और जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयास में योगदान करने में मदद मिलेगी।