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ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना में आईएफसी का 105 मिलियन डॉलर का निवेश भारत के नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्यों को बढ़ावा देगा

सौर परियोजनाओं में आईएफसी का निवेश

ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना में आईएफसी का निवेश

निवेश का अवलोकन

विश्व बैंक समूह के अंग, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) ने राजस्थान में ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 105 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है। गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर के माध्यम से इस निवेश का उद्देश्य भारत में अक्षय ऊर्जा के बुनियादी ढांचे को मजबूत करना है। ब्रुकफील्ड ग्लोबल ट्रांजिशन फंड (BGTF) द्वारा विकसित ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर परियोजना कुल 550 मेगावाट की क्षमता प्रदान करने के लिए तैयार है । परियोजना को दो चरणों में क्रियान्वित किया जा रहा है, जिसमें 268 मेगावाट का पहला चरण मार्च 2024 में चालू होगा, और दूसरे चरण में 282 मेगावाट जुड़ने की उम्मीद है, जिसकी कुल अनुमानित लागत 317 मिलियन डॉलर है।

परियोजना विवरण और प्रभाव

बीकानेर सौर परियोजना भारत की अंतरराज्यीय पारेषण प्रणाली के साथ एकीकृत है और इससे सालाना लगभग 804,408 टन CO2 ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में कमी आने की उम्मीद है। यह परियोजना वाणिज्यिक और औद्योगिक ग्राहकों को दीर्घकालिक बिजली खरीद समझौतों के माध्यम से हरित ऊर्जा की आपूर्ति करेगी, और बिजली एक्सचेंजों के माध्यम से व्यापारिक बाजार में भी शामिल होगी। यह पहल 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित बिजली क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य के अनुरूप है, जो वैश्विक जलवायु परिवर्तन शमन प्रयासों में योगदान देती है।

आईएफसी की भूमिका और उद्देश्य

1956 में स्थापित अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) इक्विटी और ऋण साधनों में निवेश करके विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के विकास का समर्थन करता है। बीकानेर परियोजना में IFC का निवेश अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। सामाजिक और पर्यावरणीय लाभ प्रदान करने वाली परियोजनाओं में निवेश करके, IFC का लक्ष्य रोजगार सृजन, गरीबी में कमी और जलवायु परिवर्तन शमन को बढ़ावा देना है।

सौर परियोजनाओं में आईएफसी का निवेश
सौर परियोजनाओं में आईएफसी का निवेश

यह समाचार महत्वपूर्ण क्यों है

नवीकरणीय ऊर्जा का महत्व

यह निवेश महत्वपूर्ण है क्योंकि यह भारत में अक्षय ऊर्जा अपनाने की बढ़ती गति को रेखांकित करता है। IFC के वित्तीय समर्थन से, बीकानेर सौर परियोजना भारत की अक्षय ऊर्जा क्षमता में महत्वपूर्ण योगदान देगी, जिससे देश को अपने महत्वाकांक्षी लक्ष्यों को पूरा करने में मदद मिलेगी।

आर्थिक विकास और रोजगार

इस परियोजना से निर्माण और परिचालन दोनों चरणों के दौरान रोजगार के अवसर पैदा होने की उम्मीद है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को मदद मिलेगी। ऐसी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में निवेश से अक्सर संबंधित उद्योगों और सेवाओं का विकास होता है, जिससे आर्थिक विकास को और बढ़ावा मिलता है।

पर्यावरणीय प्रभाव

इस परियोजना का उद्देश्य सालाना 804,000 टन से ज़्यादा CO2 उत्सर्जन को कम करना है, जो इसके पर्यावरणीय लाभों को उजागर करता है। यह स्वच्छ ऊर्जा स्रोतों को बढ़ावा देकर और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता को कम करके जलवायु परिवर्तन से निपटने के वैश्विक प्रयासों के साथ संरेखित है।

राष्ट्रीय लक्ष्यों के साथ संरेखण

भारत ने 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता हासिल करने का महत्वाकांक्षी लक्ष्य रखा है। बीकानेर परियोजना का सफल क्रियान्वयन इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा, जो सतत विकास के प्रति देश की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करेगा।

ऐतिहासिक संदर्भ

आईएफसी पर पृष्ठभूमि

अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम (IFC) की स्थापना 1956 में विश्व बैंक समूह के सदस्य के रूप में की गई थी, जिसका प्राथमिक उद्देश्य विकासशील देशों में निजी क्षेत्र के विकास का समर्थन करना था। IFC आर्थिक विकास को बढ़ावा देने और गरीबी को कम करने के लिए निवेश और सलाहकार सेवाएं प्रदान करता है। पिछले कुछ वर्षों में, IFC ने सतत विकास को बढ़ावा देने के लिए बुनियादी ढांचे, वित्तीय बाजारों और नवीकरणीय ऊर्जा सहित विभिन्न क्षेत्रों में कई परियोजनाओं में निवेश किया है।

भारत में नवीकरणीय ऊर्जा

भारत अपने ऊर्जा मिश्रण में विविधता लाने और ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करने के लिए अक्षय ऊर्जा परियोजनाओं पर सक्रिय रूप से काम कर रहा है। राष्ट्रीय सौर मिशन जैसी सरकार की पहलों का उद्देश्य भारत को सौर ऊर्जा में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है। IFC जैसे अंतर्राष्ट्रीय संगठनों से निवेश आवश्यक वित्तीय सहायता और विशेषज्ञता प्रदान करके इन लक्ष्यों को प्राप्त करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।

ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना में आईएफसी निवेश से मुख्य निष्कर्ष

क्रम संख्याकुंजी ले जाएं
1आईएफसी ने राजस्थान में ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना के लिए 105 मिलियन डॉलर देने की प्रतिबद्धता जताई है।
2इस परियोजना का लक्ष्य 550 मेगावाट सौर ऊर्जा क्षमता विकसित करना है, जिससे वार्षिक रूप से CO2 उत्सर्जन में 804,408 टन की कमी आएगी।
3यह निवेश 2030 तक 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता हासिल करने के भारत के लक्ष्य का समर्थन करता है।
4आईएफसी का निवेश नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं के माध्यम से सतत आर्थिक विकास को बढ़ावा देने की इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
5यह परियोजना रोजगार के अवसर पैदा करेगी और स्थानीय अर्थव्यवस्थाओं को समर्थन देगी, साथ ही वैश्विक जलवायु परिवर्तन शमन प्रयासों में योगदान देगी।
सौर परियोजनाओं में आईएफसी का निवेश

इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

1. ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना की कुल क्षमता कितनी है?

ब्रुकफील्ड की बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना की कुल क्षमता 550 मेगावाट है।

2. आईएफसी ने बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना में कितना निवेश किया है?

आईएफसी ने बीकानेर सौर ऊर्जा परियोजना में 105 मिलियन डॉलर का निवेश किया है।

3. परियोजना से CO2 उत्सर्जन में अपेक्षित वार्षिक कमी क्या है?

इस परियोजना से प्रतिवर्ष CO2 उत्सर्जन में लगभग 804,408 टन की कमी आने की उम्मीद है।

4. बीकानेर सौर परियोजना का प्रथम चरण कब शुरू किया गया?

268 मेगावाट क्षमता वाली बीकानेर सौर परियोजना का पहला चरण मार्च 2024 में चालू किया जाएगा।

5. इस परियोजना से भारत को दीर्घकालिक लाभ क्या होंगे?

दीर्घकालिक लाभों में 2030 तक भारत के 500 गीगावाट गैर-जीवाश्म ईंधन आधारित विद्युत क्षमता के लक्ष्य में योगदान देना, ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन को कम करना तथा रोजगार सृजन और बुनियादी ढांचे के विकास के माध्यम से आर्थिक विकास को समर्थन देना शामिल है।

कुछ महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स लिंक्स

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