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जापान-भारत समुद्री अभ्यास JIMEX-24 योकोसुका में शुरू हुआ: हिंद-प्रशांत सुरक्षा को मजबूत करना

जापान-भारत समुद्री अभ्यास

जापान-भारत समुद्री अभ्यास JIMEX-24 योकोसुका में शुरू हुआ

जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX-24) का 8वां संस्करण जापान के योकोसुका में शुरू हो गया है, जो दोनों देशों के बीच मजबूत नौसैनिक सहयोग को दर्शाता है। यह अभ्यास भारत-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के लिए रणनीतिक साझेदारी और साझा प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।

व्यायाम अवलोकन

JIMEX-24 एक दो-चरणीय अभ्यास है, जिसमें बंदरगाह और समुद्री चरण शामिल हैं। बंदरगाह चरण नाविकों के बीच सौहार्द और बातचीत को बढ़ावा देने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जबकि समुद्री चरण युद्ध कौशल का परीक्षण करता है और जटिल बहु-डोमेन संचालन के माध्यम से अंतर-संचालन को बढ़ाता है।

भागीदारी और उद्देश्य

भारतीय नौसेना का आईएनएस शिवालिक और जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) का जेएस युगिरी इसमें मुख्य भागीदार हैं। जिमेक्स-24 का मुख्य उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना, परिचालन बातचीत करना और दोनों नौसेनाओं के बीच समुद्री संबंधों को मजबूत करना है।

नौसैनिक सहयोग बढ़ाना

यह अभ्यास भारत और जापान के बीच बढ़ते रक्षा संबंधों का प्रमाण है। दोनों देशों के पास विभिन्न सैन्य अभ्यासों का आयोजन करने का इतिहास है, जैसे कि धर्म गार्डियन और वीर गार्डियन, जो क्रमशः सेना और वायु सेना के सहयोग पर केंद्रित हैं। JIMEX नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने और एक स्थिर और सुरक्षित समुद्री वातावरण सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण है।

समुद्री सुरक्षा का महत्व

समुद्री मार्गों और समुद्री व्यापार मार्गों के रणनीतिक महत्व को देखते हुए, हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए समुद्री सुरक्षा महत्वपूर्ण है। JIMEX-24 अंतरराष्ट्रीय समुद्री कानूनों को बनाए रखने और मुक्त और खुले समुद्र को सुनिश्चित करने के लिए भारत और जापान की प्रतिबद्धता को मजबूत करता है, जो वैश्विक व्यापार और क्षेत्रीय स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है।

जापान-भारत समुद्री अभ्यास
जापान-भारत समुद्री अभ्यास

यह समाचार क्यों महत्वपूर्ण है

सामरिक भागीदारी

JIMEX-24 की शुरुआत भारत और जापान के बीच रणनीतिक साझेदारी को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह अभ्यास न केवल नौसैनिक सहयोग को बढ़ाता है बल्कि दोनों देशों के बीच व्यापक रक्षा और सुरक्षा सहयोग को भी दर्शाता है।

क्षेत्रीय सुरक्षा

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा सर्वोपरि है, जो दुनिया के कुछ सबसे व्यस्त शिपिंग लेन का घर है। JIMEX-24 क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने, संभावित खतरों को रोकने और एक स्वतंत्र और खुले हिंद-प्रशांत को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है।

परिचालन अंतरसंचालनीयता

JIMEX-24 जैसे अभ्यास भारतीय नौसेना और JMSDF के बीच परिचालन अंतरसंचालनीयता को बेहतर बनाने के लिए आवश्यक हैं। यह बढ़ी हुई अंतरसंचालनीयता सुनिश्चित करती है कि दोनों नौसेनाएँ संयुक्त मिशनों और मानवीय सहायता अभियानों के दौरान प्रभावी रूप से सहयोग कर सकती हैं।

रक्षा कूटनीति

JIMEX-24 अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने में रक्षा कूटनीति के महत्व पर प्रकाश डालता है। इस तरह के अभ्यासों के माध्यम से भारत और जापान सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा कर सकते हैं, एक-दूसरे के अनुभवों से सीख सकते हैं और आपसी विश्वास और समझ का निर्माण कर सकते हैं।

तकनीकी आदान-प्रदान

यह अभ्यास नौसेना संचालन में तकनीकी आदान-प्रदान और नवाचार का अवसर भी प्रदान करता है। दोनों नौसेनाएं अपनी परिचालन क्षमताओं और तत्परता को बढ़ाने के लिए एक-दूसरे की तकनीकी प्रगति का लाभ उठा सकती हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ

JIMEX की पृष्ठभूमि

जापान-भारत समुद्री अभ्यास (JIMEX) पहली बार 2012 में आयोजित किया गया था। तब से, यह दोनों देशों के बीच नौसैनिक सहयोग को बढ़ाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण वार्षिक कार्यक्रम के रूप में विकसित हुआ है। JIMEX का प्रत्येक संस्करण जटिल नौसैनिक संचालन और रणनीतिक अंतर-संचालन पर केंद्रित होता है।

भारत-जापान रक्षा संबंधों का विकास

भारत और जापान ने पिछले कुछ वर्षों में अपने रक्षा संबंधों को लगातार मजबूत किया है। JIMEX के अलावा, वे धर्म गार्डियन और वीर गार्डियन जैसे अन्य संयुक्त अभ्यास भी करते हैं। ये अभ्यास उनकी रक्षा साझेदारी की व्यापक प्रकृति को दर्शाते हैं, जिसमें उनके सशस्त्र बलों की तीनों शाखाएँ शामिल हैं।

हिंद-प्रशांत रणनीति

भारत और जापान दोनों ही स्वतंत्र, खुले और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह रणनीतिक संरेखण समुद्री सुरक्षा सुनिश्चित करने और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों को बनाए रखने के उनके संयुक्त प्रयासों में स्पष्ट है। JIMEX-24 इस साझा दृष्टिकोण की अभिव्यक्ति है।

जापान-भारत समुद्री अभ्यास JIMEX-24 से मुख्य निष्कर्ष

क्रम संख्याकुंजी ले जाएं
1जापान के योकोसुका में JIMEX-24 का शुभारंभ हुआ, जिसमें INS शिवालिक और JS युगिरी ने भाग लिया।
2इस अभ्यास में बातचीत और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाने के लिए बंदरगाह और समुद्री दोनों चरण शामिल हैं।
3इसका उद्देश्य सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान करना तथा हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा के प्रति प्रतिबद्धता की पुष्टि करना है।
4जिमेक्स-24 व्यापक भारत-जापान रक्षा सहयोग का हिस्सा है, जिसमें धर्म गार्डियन और वीर गार्डियन जैसे अभ्यास शामिल हैं।
5यह अभ्यास हिंद-प्रशांत क्षेत्र में मुक्त और खुले समुद्री मार्गों को बनाए रखने के सामरिक महत्व को रेखांकित करता है।
जापान-भारत समुद्री अभ्यास

इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

जिमेक्स-24 क्या है?

जिमेक्स-24 जापान-भारत समुद्री अभ्यास का 8वां संस्करण है, जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना और जापान समुद्री आत्मरक्षा बल (जेएमएसडीएफ) के बीच नौसैनिक सहयोग और अंतरसंचालनीयता को बढ़ाना है।

JIMEX-24 कब और कहां आयोजित हो रहा है?

JIMEX-24 जापान के योकोसुका में आयोजित किया जा रहा है और इसमें बंदरगाह और समुद्री दोनों चरण शामिल हैं।

JIMEX-24 में कौन से जहाज भाग ले रहे हैं?

भारतीय नौसेना से आईएनएस शिवालिक और जेएमएसडीएफ से जेएस युगिरी इस अभ्यास में मुख्य प्रतिभागी हैं।

JIMEX-24 के उद्देश्य क्या हैं?

इसके उद्देश्यों में सर्वोत्तम प्रथाओं का आदान-प्रदान, परिचालन संबंधी बातचीत करना और हिंद-प्रशांत क्षेत्र में समुद्री सुरक्षा को मजबूत करना शामिल है।

JIMEX-24 क्षेत्रीय सुरक्षा में किस प्रकार योगदान देता है?

JIMEX-24 मुक्त और खुले समुद्री मार्गों को सुनिश्चित करके, संभावित खतरों को रोककर और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री कानूनों को बढ़ावा देकर क्षेत्रीय स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है।

कुछ महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स लिंक्स

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