राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस 2023 11 अप्रैल को मनाया गया
मातृ स्वास्थ्य के महत्व के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए भारत ने 11 अप्रैल 2023 को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया। भारतीय महिला संघ की संस्थापक डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी के योगदान का सम्मान करने और सुरक्षित मातृत्व प्रथाओं को बढ़ावा देने के लिए हर साल यह दिन मनाया जाता है ।

क्यों जरूरी है यह खबर:
राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस का आयोजन महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मातृ स्वास्थ्य में सुधार की आवश्यकता पर ध्यान आकर्षित करने में मदद करता है। यह अनुमान लगाया गया है कि भारत में हर साल लगभग 45,000 महिलाओं की प्रसव के दौरान मृत्यु हो जाती है, जिससे यह दुनिया में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर में से एक है। इसलिए, इस तरह की पहल देश में बेहतर स्वास्थ्य देखभाल के बुनियादी ढांचे और मातृ देखभाल सेवाओं की आवश्यकता के बारे में जनता और नीति निर्माताओं के बीच जागरूकता पैदा करने में मदद करती है।
सरकार ने देश में मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लिए कई उपाय किए हैं। 2013 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना और मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है। इसने जननी सुरक्षा योजना जैसी कई योजनाएं भी शुरू की हैं, जो सार्वजनिक स्वास्थ्य सुविधाओं में प्रसव कराने वाली महिलाओं को नकद प्रोत्साहन प्रदान करती हैं, और प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान, जो गर्भवती महिलाओं को मुफ्त प्रसव पूर्व देखभाल प्रदान करता है।
ऐतिहासिक संदर्भ:
सुरक्षित मातृत्व के लिए व्हाइट रिबन एलायंस के आह्वान पर 2003 में पहली बार भारत में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया था। यह डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति को सम्मानित करने के लिए स्थापित किया गया था, जो महिलाओं के अधिकारों के प्रबल समर्थक थे और जिन्होंने भारतीय महिला संघ की स्थापना में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
डॉ मुखर्जी एक प्रमुख भारतीय राजनेता थे और नेहरू सरकार में उद्योग और आपूर्ति मंत्री के रूप में कार्यरत थे। वह भारतीय जनसंघ के संस्थापक भी थे , जो बाद में भारतीय जनता पार्टी बनी। 1953 में डॉ. मुखर्जी का निधन हो गया और उनकी याद में महिलाओं के स्वास्थ्य और कल्याण को बढ़ावा देने के लिए भारतीय महिला संघ की स्थापना की गई।
11 अप्रैल को मनाए गए “राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस 2023” की मुख्य बातें:
सीरीयल नम्बर। | चाबी छीनना |
1 | मातृ स्वास्थ्य के बारे में जागरूकता बढ़ाने और मातृ मृत्यु दर को कम करने के लिए हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है। |
2 | यह दिन भारतीय महिला संघ की संस्थापक डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी की स्मृति का सम्मान करता है और सुरक्षित मातृत्व प्रथाओं को बढ़ावा देता है। |
3 | भारत दुनिया में सबसे अधिक मातृ मृत्यु दर वाले देशों में से एक है, और इस तरह की पहल से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं और मातृ देखभाल सेवाओं की आवश्यकता के बारे में जागरूकता पैदा करने में मदद मिलती है। |
4 | सरकार ने जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षित जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए मातृत्व अभियान। |
5 | सुरक्षित मातृत्व के लिए व्हाइट रिबन एलायंस के आह्वान पर 2003 में पहली बार भारत में राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया गया था। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
Q1। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस कब मनाया जाता है?
A. हर साल 11 अप्रैल को राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस मनाया जाता है।
Q2। कौन हैं डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी?
A. डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी एक प्रमुख भारतीय राजनेता और भारतीय महिला संघ की संस्थापक थीं।
Q3। राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस क्यों महत्वपूर्ण है?
A. राष्ट्रीय सुरक्षित मातृत्व दिवस महत्वपूर्ण है क्योंकि यह मातृ स्वास्थ्य में सुधार और भारत में मातृ मृत्यु दर को कम करने की आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाता है।
Q4। मातृ स्वास्थ्य में सुधार के लिए भारत सरकार ने क्या पहल की है?
A. सरकार ने जननी सुरक्षा योजना और प्रधानमंत्री सुरक्षित जैसी कई योजनाएं शुरू की हैं मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार के लिए मातृत्व अभियान।
Q5। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य क्या है?
A. 2013 में शुरू किए गए राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन का उद्देश्य मातृ मृत्यु दर को कम करना और मातृ स्वास्थ्य परिणामों में सुधार करना है ।
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