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सामाजिक उत्थान के लिए उत्तर प्रदेश ‘जीरो पॉवर्टी’ योजना का नाम डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम पर रखा गया

परिचय

डॉ. बीआर अंबेडकर की 135वीं जयंती के अवसर पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की कि राज्य के महत्वाकांक्षी ‘जीरो पॉवर्टी’ मिशन का नाम भारत रत्न डॉ. भीमराव अंबेडकर के सम्मान में रखा जाएगा । इस पहल का उद्देश्य राज्य भर में वंचित व्यक्तियों और परिवारों का उत्थान करना है, ताकि वे गरीबी रेखा से ऊपर उठ सकें।


🎯 योजना के उद्देश्य

‘जीरो पॉवर्टी’ योजना का प्राथमिक लक्ष्य उत्तर प्रदेश में अत्यधिक गरीबी को मिटाना है। इस मिशन का मुख्य उद्देश्य है:

  • वंचित परिवारों की पहचान : मुसहर , वनटांगिया , थारू, सहरिया , गोंड और कोल सहित सबसे अधिक हाशिये पर रहने वाले समुदायों को लक्षित करना ।
  • संतृप्ति दृष्टिकोण : यह सुनिश्चित करना कि प्रत्येक पात्र परिवार को व्यापक सरकारी लाभ प्राप्त हों, जैसे भूमि आवंटन, आवास, स्वच्छ भारत के अंतर्गत स्वच्छता सुविधाएं, पेंशन, राशन कार्ड और आयुष्मान भारत स्वास्थ्य कार्ड।
  • व्यापक कल्याण : परिवारों को गरीबी से ऊपर उठाने के लिए एक समग्र सहायता प्रणाली प्रदान करना, जिसमें आवास, स्वास्थ्य देखभाल, पोषण और वित्तीय सहायता शामिल है।

📊 कार्यान्वयन रणनीति

इस योजना को चरणबद्ध तरीके से क्रियान्वित किया जाएगा:

  • पहचान प्रक्रिया : ग्राम पंचायतें प्रत्येक गांव में 20-25 ऐसे परिवारों की पहचान करेंगी जिन्हें अभी तक सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिला है।
  • कवरेज : इस पहल के अंतर्गत लगभग 14 से 15 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा, जिससे यह सुनिश्चित होगा कि उन्हें सभी पात्र लाभ एक साथ प्राप्त हों।
  • केन्द्रीय योजनाओं के साथ एकीकरण : यह कार्यक्रम मौजूदा केन्द्रीय सरकारी योजनाओं के साथ एकीकृत होगा, जिनमें शामिल हैं:
    • प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) : आवास सहायता के लिए।
    • आयुष्मान भारत : स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना।
    • उज्ज्वला योजना : स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच सुनिश्चित करना।
    • प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (पीएम-किसान) : किसानों को वित्तीय सहायता प्रदान करना।
    • जन धन योजना : बैंक खातों के माध्यम से वित्तीय समावेशन को सुविधाजनक बनाना।
    • स्वच्छ भारत मिशन : सफाई एवं स्वच्छता को बढ़ावा देना।

🗣️ राजनीतिक संदर्भ और महत्व

लखनऊ में घोषणा के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा देने में डॉ. अंबेडकर की विरासत के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने अंबेडकर के योगदान को कमतर आंकने के लिए विपक्षी दलों की आलोचना की और उनके आदर्शों को संरक्षित करने और बढ़ावा देने के लिए भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की प्रतिबद्धता पर प्रकाश डाला।

डॉ. अंबेडकर के नाम पर योजना का नामकरण, हाशिए पर पड़े समुदायों की आवश्यकताओं को पूरा करने तथा राज्य के विकास एजेंडे में उनका समावेश सुनिश्चित करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।


उत्तर प्रदेश शून्य गरीबी योजना
उत्तर प्रदेश शून्य गरीबी योजना

📌 यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है

🧾 प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिकता

यह विकास सरकारी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे छात्रों के लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसमें निम्नलिखित बातें शामिल हैं:

  • सरकारी योजनाएं और कल्याण कार्यक्रम : ‘शून्य गरीबी’ पहल जैसी प्रमुख योजनाओं के उद्देश्यों, कार्यान्वयन रणनीतियों और लाभार्थियों को समझना।
  • सामाजिक न्याय और समावेशन : हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान और सामाजिक समानता को बढ़ावा देने के उद्देश्य से बनाई गई नीतियों की अंतर्दृष्टि।
  • समसामयिकी : हाल के राजनीतिक निर्णयों और शासन एवं लोक कल्याण पर उनके प्रभावों के बारे में जागरूकता।

📚 मुख्य बातें

क्र.सं.​कुंजी ले जाएं
1.उत्तर प्रदेश में ‘शून्य गरीबी’ योजना का उद्देश्य वंचित परिवारों को व्यापक लाभ प्रदान करके अत्यधिक गरीबी को मिटाना है।
2.इस पहल के अंतर्गत लगभग 14 से 15 लाख परिवारों को कवर किया जाएगा, जिसमें हाशिए पर पड़े समुदायों पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा।
3.यह योजना समग्र समर्थन सुनिश्चित करने के लिए पीएमएवाई, आयुष्मान भारत और जन धन योजना जैसे केंद्र सरकार के कार्यक्रमों के साथ एकीकृत है।
4.यह पहल डॉ. बी.आर. अंबेडकर के दृष्टिकोण के अनुरूप सामाजिक न्याय और समावेशन के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करती है।
5.सरकारी नीतियों, सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों और समसामयिक विषयों पर केंद्रित परीक्षाओं के लिए इस योजना को समझना महत्वपूर्ण है।

उत्तर प्रदेश शून्य गरीबी योजना


🕰️ ऐतिहासिक संदर्भ

📜 डॉ. बी.आर. अंबेडकर की विरासत

डॉ. भीमराव अंबेडकर, एक प्रमुख समाज सुधारक और भारतीय संविधान के प्रमुख निर्माता, ने अपना जीवन हाशिए पर पड़े समुदायों, विशेष रूप से दलितों के अधिकारों की वकालत करने के लिए समर्पित कर दिया। उनके प्रयासों से भारतीय समाज में समानता और न्याय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महत्वपूर्ण कानूनी और सामाजिक सुधार हुए।

🏛️ सामाजिक कल्याण के लिए सरकारी पहल

पिछले कुछ वर्षों में, भारत सरकार ने वंचित समुदायों के उत्थान के लिए विभिन्न योजनाएं शुरू की हैं, जैसे:

  • प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) : गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराना।
  • आयुष्मान भारत : आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को स्वास्थ्य बीमा कवरेज प्रदान करना।
  • उज्ज्वला योजना : स्वच्छ खाना पकाने के ईंधन तक पहुंच सुनिश्चित करना।
  • जन धन योजना : वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देना।

ये पहल डॉ. अंबेडकर के समावेशी और समतामूलक समाज के सपने को साकार करने के लिए सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाती हैं।

FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

  1. उत्तर प्रदेश में ‘शून्य गरीबी’ योजना क्या है?
    • उत्तर प्रदेश में ‘शून्य गरीबी’ योजना राज्य सरकार द्वारा हाशिए पर पड़े परिवारों को व्यापक कल्याणकारी लाभ प्रदान करके अत्यधिक गरीबी को मिटाने के लिए शुरू की गई एक पहल है।
  2. ‘जीरो पॉवर्टी’ योजना से किसे लाभ होगा?
    • मुसहर , वनटांगिया , थारू, सहरिया , गोंड और कोल जैसे वंचित समुदायों को गरीबी से बाहर निकालना है।
  3. केंद्र सरकार की कौन सी योजनाएं ‘शून्य गरीबी’ पहल में एकीकृत हैं?
    • यह योजना प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई), आयुष्मान भारत, उज्ज्वला योजना, प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि और जन धन योजना जैसे केंद्रीय कार्यक्रमों के साथ एकीकृत है।
  4. डॉ. बी.आर. अंबेडकर के नाम पर योजना का नाम रखने का क्या महत्व है?
    • इस योजना का नाम डॉ. अम्बेडकर के नाम पर रखना सामाजिक न्याय और हाशिए पर पड़े समुदायों के उत्थान के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को दर्शाता है, जो अम्बेडकर के समानता और सशक्तिकरण के आदर्शों को प्रतिबिंबित करता है।
  5. ‘शून्य गरीबी’ योजना के अंतर्गत कितने परिवार शामिल होंगे?
    • इस योजना के अंतर्गत लगभग 14 से 15 लाख परिवार, मुख्यतः हाशिए पर स्थित समुदायों से, आएँगे।

कुछ महत्वपूर्ण करेंट अफेयर्स लिंक्स

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