रक्षा मंत्रालय ने पिनाका हथियार प्रणाली के लिए 2,800 करोड़ रुपये के रॉकेट को मंजूरी दी
रक्षा मंत्रालय ने हाल ही में लगभग 2,800 करोड़ रुपये की लागत से भारतीय सेना के लिए 5,000 MILAN-2T एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों और 15 लॉन्चरों की खरीद को मंजूरी दी है। यह खरीद एक महत्वपूर्ण कदम है जिसका उद्देश्य भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को बढ़ाना है, विशेष रूप से अपने हथियार प्रणालियों के आधुनिकीकरण पर ध्यान केंद्रित करना है।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में रक्षा अधिग्रहण परिषद (डीएसी) की बैठक के दौरान इस खरीद को मंजूरी दी गई। MILAN-2T दूसरी पीढ़ी, ट्यूब-लॉन्च, ऑप्टिकली ट्रैक और वायर-निर्देशित मिसाइल प्रणाली है। इसे दुश्मन के टैंकों और अन्य बख्तरबंद लक्ष्यों को प्रभावी ढंग से नष्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो इसे भारतीय सेना के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति बनाता है।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
रक्षा शस्त्रागार का आधुनिकीकरण: MILAN-2T एंटी-टैंक गाइडेड मिसाइलों को प्राप्त करने की मंजूरी भारत की रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है। यह कदम सशस्त्र बलों को तकनीकी रूप से उन्नत उपकरणों से मजबूत करने की सरकार की प्रतिबद्धता पर जोर देता है।
सीमा सुरक्षा को मजबूत करना: इन मिसाइलों की खरीद का उद्देश्य भारतीय सेना की तैयारियों को बढ़ाना है, खासकर सीमावर्ती क्षेत्रों में। यह संभावित खतरों से निपटने और देश की सीमाओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण लाभ प्रदान करेगा।
स्वदेशी हथियार विकास: इन मिसाइलों को हासिल करने का निर्णय रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत के प्रयास को दर्शाता है। यह उन्नत हथियारों के स्वदेशी उत्पादन, विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करने पर जोर देता है।
ऐतिहासिक संदर्भ:
भारतीय सेना लंबे समय से उभरती सुरक्षा चुनौतियों का प्रभावी ढंग से मुकाबला करने के लिए अपने हथियारों को आधुनिक बनाने के प्रयासों में लगी हुई है। ऐतिहासिक रूप से, भारत ने अपनी सीमाओं पर विभिन्न संघर्षों का सामना किया है और क्षेत्रीय अखंडता और राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए अपनी रक्षा प्रणालियों को लगातार उन्नत करने की मांग की है।
हाल के वर्षों में सरकार ने रक्षा विनिर्माण में स्वदेशी उत्पादन पर जोर दिया है। ‘मेक इन इंडिया’ जैसी पहल का उद्देश्य देश की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने के बड़े लक्ष्य के साथ जुड़ते हुए, विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करना और रक्षा उत्पादन में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देना है।
“रक्षा मंत्रालय ने पिनाका हथियार प्रणाली के लिए 2,800 करोड़ रुपये के रॉकेट को मंजूरी दी” से मुख्य अंश:
क्रम संख्या | कुंजी ले जाएं |
1. | 5,000 MILAN-2T एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को मंजूरी। |
2. | भारतीय सेना की युद्धक क्षमता को मजबूत करना। |
3. | स्वदेशी रक्षा विनिर्माण पर ध्यान दें। |
4. | हथियारों के क्षेत्र में आधुनिकीकरण और आत्मनिर्भरता पर जोर। |
5. | सीमा सुरक्षा और तैयारियों को बढ़ाना। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
MILAN-2T एंटी टैंक गाइडेड मिसाइलों को रक्षा मंत्रालय की मंजूरी का क्या महत्व है?
यह मंजूरी भारतीय सेना के हथियारों के आधुनिकीकरण द्वारा भारत की रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम का प्रतीक है।
5,000 MILAN-2T मिसाइलों की खरीद से भारतीय सेना को क्या फायदा होगा?
यह खरीद भारतीय सेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करेगी, विशेष रूप से बख्तरबंद लक्ष्यों से निपटने और सीमा सुरक्षा बढ़ाने में।
स्वदेशी हथियार खरीद की मंजूरी भारत के रक्षा क्षेत्र के लिए क्या संकेत देती है?
यह रक्षा विनिर्माण में आत्मनिर्भरता, विदेशी आयात पर निर्भरता को कम करने पर सरकार के फोकस पर जोर देता है।
अपनी रक्षा प्रणालियों को उन्नत करने के भारत के प्रयासों के पीछे ऐतिहासिक संदर्भ क्या है?
भारत ने उभरती सुरक्षा चुनौतियों से निपटने और राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने के लिए अपने रक्षा तंत्र को लगातार आधुनिक बनाने की कोशिश की है।
MILAN-2T मिसाइलें हासिल करने का निर्णय भारत की रक्षा रणनीति से कैसे मेल खाता है?
यह रक्षा क्षमताओं को बढ़ाने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करते हुए आधुनिकीकरण, आत्मनिर्भरता और सीमा सुरक्षा को बढ़ाने पर जोर देता है।