भारतीय सेना 310 स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीदेगी
भारतीय सेना ने भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा पावर स्ट्रैटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन से एटीएजीएस नामक 310 उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीदने की घोषणा की है। ये तोपें पूरी तरह से स्वदेशी हैं और इन्हें भारत में डिजाइन और विकसित किया गया है। इन तोपों की खरीद रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
ATAGS लंबी दूरी की, स्वचालित और आधुनिक तोपें हैं, जो उन पुरानी तोपों की जगह लेंगी जिन्हें सेना दशकों से इस्तेमाल कर रही है। इन नई तोपों में 48 किमी तक गोला-बारूद दागने की क्षमता है, जो पुरानी तोपों की तुलना में काफी लंबी है। वे स्वचालित बिछाने और देखने की प्रणाली जैसी उन्नत सुविधाओं से भी लैस हैं, जो उन्हें अधिक सटीक और कुशल बनाती हैं।
इन तोपों की खरीद भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण के प्रयासों का हिस्सा है, जो उसकी रक्षा क्षमताओं का एक महत्वपूर्ण घटक है। यह सेना की मारक क्षमता को बढ़ाएगा और देश की सीमाओं की रक्षा में इसे और अधिक प्रभावी बनाएगा। इन तोपों के उत्पादन से देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र को भी बढ़ावा मिलेगा और कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे।

क्यों जरूरी है यह खबर:
स्वदेशी विनिर्माण को बढ़ावा इन स्वदेशी तोपों की खरीद भारत की रक्षा निर्माण क्षमताओं को महत्वपूर्ण बढ़ावा देती है। यह विदेशी निर्माताओं पर निर्भरता कम करने और रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में एक कदम है।
भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना पुरानी तोपों को अधिक उन्नत और आधुनिक ATAGS से बदलने का भारतीय सेना का निर्णय इसकी मारक क्षमता को बढ़ाएगा और इसकी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करेगा । नई बंदूकें अधिक सटीक और कुशल होंगी, जिससे वे भारत की सीमाओं की रक्षा करने में अधिक प्रभावी होंगी।
रोजगार के अवसर सृजित इन तोपों के उत्पादन से कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और देश के रक्षा विनिर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। यह सरकार के ‘मेक इन इंडिया’ अभियान को भी महत्वपूर्ण प्रोत्साहन प्रदान करेगा।
ऐतिहासिक संदर्भ:
भारत लंबे समय से अपनी रक्षा क्षमताओं को आधुनिक बनाने और स्वदेशी रक्षा निर्माण को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहा है। देश अपनी रक्षा जरूरतों के लिए विदेशी निर्माताओं पर बहुत अधिक निर्भर रहा है, जिसने इसे बाहरी दबाव और खतरों के प्रति संवेदनशील बना दिया है। सरकार ‘मेक इन इंडिया’ और ‘ आत्मनिर्भर भारत’ जैसी पहलों के माध्यम से रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने की दिशा में काम कर रही है।
ATAGS का विकास इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। बंदूकें भारत में दो निजी क्षेत्र की कंपनियों, भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा पावर स्ट्रैटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन द्वारा डिजाइन और विकसित की गई हैं। बंदूकें कठोर परीक्षण से गुजरी हैं और उच्च गुणवत्ता और प्रदर्शन वाली पाई गई हैं।
“310 स्वदेशी उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीदने के लिए भारतीय सेना ” से 5 प्रमुख परिणाम:
क्र.सं. _ | कुंजी ले जाएं |
1 | भारतीय सेना ने भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा पावर स्ट्रैटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन से एटीएजीएस नामक 310 उन्नत टोड आर्टिलरी गन सिस्टम खरीदने की घोषणा की है। |
2 | ATAGS पूरी तरह से स्वदेशी हैं और भारत में डिजाइन और विकसित किए गए हैं। |
3 | इन तोपों की खरीद भारतीय सेना के तोपखाने के आधुनिकीकरण और मारक क्षमता बढ़ाने के प्रयासों का हिस्सा है। |
4 | इन तोपों के उत्पादन से कुशल पेशेवरों के लिए रोजगार के अवसर पैदा होंगे और देश के रक्षा निर्माण क्षेत्र को बढ़ावा मिलेगा। |
5 | ATAGS का विकास रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने और विदेशी निर्माताओं पर निर्भरता कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. एटीएजीएस क्या है?
उ. ATAGS का मतलब एडवांस्ड टोएड आर्टिलरी गन सिस्टम है। यह भारत में डिजाइन और विकसित एक लंबी दूरी की, स्वचालित और आधुनिक तोप है।
प्र. भारतीय सेना द्वारा कितनी ATAGS बंदूकें खरीदी जा रही हैं?
उ. भारतीय सेना भारत फोर्ज लिमिटेड और टाटा पावर स्ट्रेटेजिक इंजीनियरिंग डिवीजन से 310 ATAGS बंदूकें खरीद रही है।
प्र. ATAGS गन की रेंज कितनी है?
उ. एटीएजीएस तोपों में 48 किमी तक गोला-बारूद दागने की क्षमता है, जो पुरानी तोपों की तुलना में काफी लंबी है।
प्र. इन तोपों की खरीदारी क्यों महत्वपूर्ण है?
उ. इन तोपों की खरीद रक्षा निर्माण में आत्मनिर्भरता और भारत की रक्षा क्षमताओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्र. ATAGS तोपों की विशेषताएं क्या हैं?
उ. ATAGS बंदूकें स्वचालित बिछाने और देखने जैसी उन्नत सुविधाओं से लैस हैं
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