परिचय
भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत एक स्टील्थ फ्रिगेट ‘तवस्या’ को सफलतापूर्वक लॉन्च किया है, जो भारत की नौसेना रक्षा क्षमताओं में एक और मील का पत्थर है। यह पोत भारत की समुद्री सुरक्षा को बढ़ाने और रणनीतिक जल में अपनी उपस्थिति को मजबूत करने के लिए डिज़ाइन किए गए निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट की श्रृंखला का हिस्सा है।
तवस्य का शुभारंभ: एक प्रमुख मील का पत्थर
प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत चौथे फ्रिगेट तवस्या का लॉन्च भारत की बढ़ती रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को दर्शाता है। इस युद्धपोत का निर्माण रूस के सहयोग से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में किया गया था । यह उन्नत हथियार प्रणालियों, रडार तकनीक और उन्नत स्टील्थ सुविधाओं से लैस है, जो इसे भारतीय नौसेना के लिए एक दुर्जेय संपत्ति बनाता है।
तवस्य की मुख्य विशेषताएं
- गुप्त क्षमताएं : रडार क्रॉस-सेक्शन को कम करने और उत्तरजीविता में सुधार करने के लिए गुप्त प्रौद्योगिकी के साथ डिजाइन किया गया।
- उन्नत हथियार प्रणालियाँ : लंबी दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली और जहाज रोधी मिसाइलों के साथ-साथ परिष्कृत नौसैनिक बंदूक प्रणाली से सुसज्जित।
- स्वदेशीकरण : फ्रिगेट के घटकों का एक महत्वपूर्ण हिस्सा भारतीय रक्षा निर्माताओं से प्राप्त किया जाता है, जिससे आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिलता है।
- उन्नत निगरानी : इसमें बेहतर स्थितिजन्य जागरूकता के लिए आधुनिक रडार और इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली शामिल हैं।
परियोजना 1135.6: भारत के नौसैनिक बेड़े को मजबूत करना
प्रोजेक्ट 1135.6, जिसे तलवार-क्लास फ्रिगेट प्रोजेक्ट के नाम से भी जाना जाता है, भारतीय नौसेना के लिए आधुनिक, बहु-भूमिका वाले युद्धपोतों को विकसित करने के लिए भारत और रूस के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है। इस परियोजना का उद्देश्य भारत की रक्षा क्षमताओं को मजबूत करना और विदेशी रक्षा आयातों पर निर्भरता को कम करना है।
परियोजना का महत्व
- राष्ट्रीय सुरक्षा को मजबूत करता है : भारत की अपनी समुद्री सीमाओं की रक्षा करने की क्षमता को बढ़ाता है।
- मेक इन इंडिया पहल को बढ़ावा : घरेलू रक्षा उत्पादन को प्रोत्साहित किया जाएगा।
- रक्षा संबंधों में सुधार : दीर्घकालिक सैन्य साझेदारी को सुदृढ़ करता है।

यह समाचार महत्वपूर्ण क्यों है?
भारत की नौसैनिक ताकत बढ़ाना
तवस्या का प्रक्षेपण भारत की समुद्री सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। यह नौसेना को आधुनिक खतरों से निपटने में सक्षम उन्नत युद्धपोतों से लैस करता है, जिससे हिंद महासागर क्षेत्र में रणनीतिक प्रभुत्व सुनिश्चित होता है।
स्वदेशी रक्षा विनिर्माण को बढ़ावा देना
भारतीय निर्मित घटकों का उपयोग करके निर्मित फ्रिगेट के एक महत्वपूर्ण हिस्से के साथ, यह विकास ‘ आत्मनिर्भर भारत’ पहल का समर्थन करता है। यह विदेशी रक्षा प्रौद्योगिकी पर निर्भरता को कम करता है और भारत के रक्षा उद्योग को मजबूत करता है।
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में सामरिक महत्व
हिंद-प्रशांत क्षेत्र में स्थिरता बनाए रखने के लिए महत्वपूर्ण है , जहां भू-राजनीतिक तनाव बहुत अधिक है। स्टील्थ फ्रिगेट्स के शामिल होने से संभावित खतरों के खिलाफ भारत की स्थिति मजबूत होती है।
ऐतिहासिक संदर्भ
भारतीय नौसेना फ्रिगेट्स का विकास
भारत अपने नौसैनिक बेड़े को आधुनिक युद्धपोतों के साथ सक्रिय रूप से उन्नत कर रहा है। प्रोजेक्ट 1135.6 के तहत तलवार श्रेणी के फ्रिगेट 2000 के दशक की शुरुआत में भारत-रूस रक्षा सहयोग से उत्पन्न हुए थे।
परियोजना 1135.6 में पिछले फ्रिगेट
- आईएनएस तेग, तर्कश और त्रिकांड : रूस में निर्मित और 2012 और 2013 के बीच नौसेना में शामिल किए गए।
- आईएनएस तुषिल और तमाला : हाल ही में गोवा शिपयार्ड में भारत के जहाज निर्माण प्रयासों के भाग के रूप में लॉन्च किया गया।
भारत-रूस नौसैनिक सहयोग
भारत और रूस ने मजबूत रक्षा संबंध बनाए रखे हैं, जिसमें रूस भारत के नौसैनिक बेड़े के विस्तार में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। प्रोजेक्ट 1135.6 फ्रिगेट इस दीर्घकालिक साझेदारी का प्रमाण हैं।
तवस्य के शुभारंभ से मुख्य बातें
क्र.सं. | कुंजी ले जाएं |
1 | भारतीय नौसेना ने प्रोजेक्ट 1135.6 के अंतर्गत स्टील्थ फ्रिगेट तवस्या को लांच किया। |
2 | इस जहाज का निर्माण रूस के सहयोग से गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में किया गया था। |
3 | तवस्य उन्नत हथियारों, रडार प्रणालियों और स्टेल्थ सुविधाओं से लैस है। |
4 | परियोजना 1135.6 भारत की नौसैनिक क्षमताओं और समुद्री सुरक्षा को मजबूत करती है। |
5 | स्वदेशी रक्षा उत्पादन को बढ़ावा देने वाली ‘मेक इन इंडिया’ पहल के अनुरूप है । |
भारतीय नौसेना तवस्य फ्रिगेट
FAQs: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
1. प्रोजेक्ट 1135.6 क्या है?
प्रोजेक्ट 1135.6 एक भारत-रूसी सहयोग है जिसका उद्देश्य भारतीय नौसेना के लिए उन्नत निर्देशित मिसाइल फ्रिगेट विकसित करना है, जिन्हें तलवार श्रेणी के फ्रिगेट के रूप में भी जाना जाता है ।
2. स्टील्थ फ्रिगेट ‘तवस्या’ का क्या महत्व है?
, स्टेल्थ प्रौद्योगिकी , उन्नत रडार प्रणालियों और लंबी दूरी की मिसाइल क्षमताओं के साथ भारतीय नौसेना की लड़ाकू क्षमताओं को बढ़ाता है , तथा समुद्री सुरक्षा को मजबूत करता है।
3. तवस्य का निर्माण कहां हुआ था?
गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) में किया गया , जो ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत भारत की बढ़ती रक्षा विनिर्माण क्षमताओं को प्रदर्शित करता है।
4. परियोजना 1135.6 से भारत को क्या लाभ होगा?
यह परियोजना भारत की नौसैनिक रक्षा को मजबूत करेगी , स्वदेशी जहाज निर्माण को बढ़ावा देगी तथा सैन्य प्रौद्योगिकी में रूस के साथ सहयोग को बढ़ाएगी।
5. तवस्य फ्रिगेट की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
यह फ्रिगेट स्टेल्थ प्रौद्योगिकी, उन्नत मिसाइल प्रणाली, इलेक्ट्रॉनिक युद्ध प्रणाली और आधुनिक निगरानी क्षमताओं से लैस है ।
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