इंडियन नेवी डील : भारतीय नौसेना के लिए मिसाइल, टॉरपीडो के लिए भारत, अमेरिका 2,400 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करेंगे
भारतीय नौसेना के लिए उन्नत मिसाइलों और टॉरपीडो की खरीद के लिए 2,400 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं। यह सौदा भारतीय नौसेना को अपनी पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाने और हिंद महासागर क्षेत्र में अपने बचाव को मजबूत करने में मदद करेगा।
![भारतीय नौसेना का सौदा भारतीय नौसेना का सौदा](https://edunovations.com/currentaffairs/wp-content/uploads/2023/04/Indian-Navy-deal.jpeg)
क्यों जरूरी है यह खबर:
भारतीय नौसेना का सुदृढ़ीकरण:
उन्नत मिसाइलों और टॉरपीडो की खरीद से भारतीय नौसेना की क्षमताओं में वृद्धि होगी, विशेष रूप से पनडुब्बी रोधी युद्ध के क्षेत्र में। इससे भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने में मदद मिलेगी।
सामरिक भागीदारी:
इस सौदे पर हस्ताक्षर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का एक और उदाहरण है। यह अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाने के प्रति दोनों देशों की प्रतिबद्धता को दर्शाता है।
मेक इन इंडिया को बढ़ावा:
यह सौदा मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा देगा क्योंकि मिसाइलों और टॉरपीडो का निर्माण भारत में किया जाएगा। इससे नौकरी के अवसर पैदा करने और भारतीय रक्षा उद्योग के विकास को बढ़ावा देने में मदद मिलेगी।
ऐतिहासिक संदर्भ:
पिछले कुछ वर्षों में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रक्षा संबंध लगातार बढ़ रहे हैं। दोनों देशों ने 2015 में एक रक्षा रूपरेखा समझौते पर हस्ताक्षर किए, जिसने घनिष्ठ रक्षा सहयोग की नींव रखी। तब से, दोनों देशों के बीच अपने रक्षा संबंधों को मजबूत करने के लिए कई उच्च-स्तरीय यात्राएं और बैठकें हुई हैं।
2020 में, भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका ने भू-स्थानिक सहयोग (BECA) के लिए बुनियादी विनिमय और सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर किए, जो दोनों देशों के बीच सैन्य जानकारी और भू-स्थानिक डेटा साझा करने में सक्षम बनाता है। इस समझौते को दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी बढ़ाने की दिशा में अहम कदम के रूप में देखा जा रहा है।
भारतीय नौसेना के लिए मिसाइलों, टॉरपीडो के लिए 2,400 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए भारत, अमेरिका से महत्वपूर्ण परिणाम “:
क्रमिक संख्या | कुंजी ले जाएं |
1. | भारतीय नौसेना के लिए उन्नत मिसाइलों और टॉरपीडो की खरीद के लिए 2,400 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं । |
2. | यह सौदा भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएगा और हिंद महासागर क्षेत्र में इसकी सुरक्षा को मजबूत करेगा। |
3. | इस सौदे पर हस्ताक्षर भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच मजबूत रणनीतिक साझेदारी का एक वसीयतनामा है। |
4. | यह सौदा मेक इन इंडिया पहल को भी बढ़ावा देगा क्योंकि मिसाइलों और टॉरपीडो का निर्माण भारत में किया जाएगा। |
5. | पिछले कुछ वर्षों में भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच रक्षा संबंध लगातार बढ़ रहे हैं, और यह सौदा दोनों देशों के रक्षा सहयोग को बढ़ाने की प्रतिबद्धता का एक और उदाहरण है। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्र. भारतीय नौसेना के लिए मिसाइलों और टॉरपीडो के लिए भारत और संयुक्त राज्य अमेरिका के बीच क्या समझौता हुआ है?
भारतीय नौसेना के लिए उन्नत मिसाइलों और टॉरपीडो की खरीद के लिए 2,400 करोड़ रुपये के सौदे पर हस्ताक्षर करने के लिए तैयार हैं ।
Q. भारतीय नौसेना के लिए इस डील का क्या महत्व है?
उत्तर: यह सौदा भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं को बढ़ाएगा, जो भारत के समुद्री हितों की सुरक्षा और संरक्षा सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है।
Q. कौन सा देश इस सौदे के तहत मिसाइलों और टॉरपीडो का निर्माण करेगा?
उत्तर: मिसाइलों और टॉरपीडो का निर्माण भारत में एक भारतीय और एक अमेरिकी रक्षा कंपनी के बीच एक संयुक्त उद्यम के तहत किया जाएगा।
प्र. सौदे की अनुमानित लागत क्या है?
उत्तर: सौदा 2,400 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है।
Q. हिंद महासागर क्षेत्र का कौन सा क्षेत्र भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्ध क्षमताओं के अंतर्गत आएगा?
उत्तर: भारतीय नौसेना की पनडुब्बी रोधी युद्धक क्षमताएँ विकसित होंगी
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