हार्दिक पटेल को 2015 में प्रसिद्धि मिली जब उन्होंने गुजरात में पाटीदार आरक्षण आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें सरकारी नौकरियों और शिक्षा में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण लाभ की मांग की गई।
सबसे कम उम्र के संयोजक: वह पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) के सबसे कम उम्र के संयोजक बने, उन्होंने उस आंदोलन का नेतृत्व किया, जिसमें पूरे गुजरात में बड़े पैमाने पर रैलियां और प्रदर्शन हुए।
सामाजिक न्याय के लिए उपवास: 2015 में, हार्दिक पटेल ने पाटीदार समुदाय के लिए ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का दर्जा देने की मांग को लेकर भूख हड़ताल की, जिसने व्यापक ध्यान आकर्षित किया।
राजद्रोह के आरोप: 2015 में, पाटीदार आंदोलन के दौरान हिंसा भड़काने के आरोप में उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया और उन पर राजद्रोह का आरोप लगाया गया, जिससे उनकी लोकप्रियता और जनता का समर्थन और बढ़ गया।
हार्दिक ने केबी शाह विनय मंदिर जाने से पहले वीरमगाम के दिव्य ज्योत स्कूल में छठी कक्षा से आठवीं कक्षा तक पढ़ाई की, जहाँ उन्होंने बारहवीं कक्षा तक पढ़ाई की।
चुनाव और राजनीतिक करियर: 2019 में, हार्दिक पटेल भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गए और 2019 के भारतीय आम चुनावों में गुजरात के जामनगर निर्वाचन क्षेत्र से चुनाव लड़ा। हालाँकि, वह चुनाव हार गये।
एक कलाकार जो शुरू में मंच के डर से जूझते थे और दर्शकों के सामने प्रदर्शन करने से डरते थे An Artist who Initially struggled with stage fright and was afraid to perform in front of an audience