ओम बिरला ने उदयपुर में 9वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का उद्घाटन किया
भारत को हाल ही में 9वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन की मेजबानी करने का सौभाग्य मिला, जिसमें लोकसभा के माननीय अध्यक्ष ओम बिरला ने इस प्रतिष्ठित कार्यक्रम का उद्घाटन किया। आकर्षक शहर उदयपुर में आयोजित सम्मेलन में विभिन्न राष्ट्रमंडल देशों के संसदीय प्रतिनिधि एकत्र हुए। यह कार्यक्रम विशेष रूप से सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करने वाले उम्मीदवारों के लिए अत्यधिक महत्व रखता है, क्योंकि यह कूटनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और संसदीय प्रथाओं से संबंधित विभिन्न पहलुओं को छूता है।
यह खबर क्यों महत्वपूर्ण है:
- राजनयिक संबंधों को मजबूत करना: सम्मेलन ने राष्ट्रमंडल देशों के राजनयिकों और नेताओं को रचनात्मक संवाद में शामिल होने के लिए एक मंच प्रदान किया। इस तरह की बातचीत राजनयिक संबंधों को मजबूत करने और शांतिपूर्ण अंतरराष्ट्रीय संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है।
- संसदीय प्रथाएं: सिविल सेवा पदों की तैयारी करने वालों सहित इच्छुक सिविल सेवक इस कार्यक्रम से संसदीय प्रथाओं, प्रक्रियाओं और प्रोटोकॉल में मूल्यवान अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। सार्वजनिक प्रशासन में करियर बनाने वालों के लिए इन जटिलताओं को समझना महत्वपूर्ण है।
- वैश्विक सहयोग: आज की परस्पर जुड़ी दुनिया में, वैश्विक सहयोग महत्वपूर्ण है। यह सम्मेलन अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति भारत की प्रतिबद्धता और जलवायु परिवर्तन से लेकर आर्थिक स्थिरता तक वैश्विक चुनौतियों पर चर्चा को सुविधाजनक बनाने में इसकी भूमिका पर प्रकाश डालता है।
ऐतिहासिक संदर्भ:
राष्ट्रमंडल संसदीय संघ (सीपीए) की स्थापना 1911 में हुई, जिससे यह सबसे पुराने अंतरराष्ट्रीय संसदीय संगठनों में से एक बन गया। इसका मिशन लोकतांत्रिक शासन के ज्ञान और समझ को बढ़ाकर संसदीय लोकतंत्र की उन्नति को बढ़ावा देना है। पिछले कुछ वर्षों में, सीपीए ने राष्ट्रमंडल देशों के बीच सहयोग और संवाद को बढ़ावा देने, वैश्विक शांति और विकास में योगदान देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
भारत का सीपीए के साथ जुड़ाव का एक समृद्ध इतिहास है, जिसने 1956 में छठे राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन सहित पिछले सम्मेलनों की मेजबानी की है। यह ऐतिहासिक संदर्भ लोकतांत्रिक मूल्यों को बनाए रखने और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को बढ़ावा देने के लिए भारत की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है।
“ओम बिड़ला ने उदयपुर में 9वें राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन का उद्घाटन किया” से मुख्य अंश:
क्रम संख्या | कुंजी ले जाएं |
1 | राजनयिक कार्यक्रमों की मेजबानी में भारत की भूमिका अंतरराष्ट्रीय सहयोग के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाती है। |
2 | इच्छुक सिविल सेवक इस सम्मेलन के माध्यम से संसदीय प्रथाओं और कूटनीति में अंतर्दृष्टि प्राप्त कर सकते हैं। |
3 | सीपीए का राष्ट्रमंडल देशों के बीच संसदीय लोकतंत्र और सहयोग को बढ़ावा देने का एक लंबा इतिहास है। |
4 | ऐसे आयोजनों में नेटवर्किंग के अवसरों से आम वैश्विक चुनौतियों के लिए नवीन समाधान मिल सकते हैं। |
5 | सीपीए के साथ भारत का ऐतिहासिक जुड़ाव लोकतांत्रिक मूल्यों और वैश्विक शांति के प्रति उसके समर्पण को रेखांकित करता है। |
इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
प्रश्न: राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन क्या है?
उत्तर: राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन वैश्विक मुद्दों और संसदीय प्रथाओं पर चर्चा करने के लिए राष्ट्रमंडल देशों के संसदीय प्रतिनिधियों का एक जमावड़ा है।
प्रश्न: 9वां राष्ट्रमंडल संसदीय सम्मेलन सरकारी परीक्षा के अभ्यर्थियों के लिए क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: यह कूटनीति, अंतर्राष्ट्रीय संबंधों और संसदीय प्रक्रियाओं में अंतर्दृष्टि प्रदान करता है, जो विभिन्न सरकारी परीक्षाओं के लिए प्रासंगिक विषय हैं।
प्रश्न: सीपीए के साथ भारत की ऐतिहासिक भागीदारी सम्मेलन के महत्व में कैसे योगदान करती है?
उत्तर: राष्ट्रमंडल संसदीय संघ के साथ भारत का इतिहास लोकतांत्रिक मूल्यों और अंतर्राष्ट्रीय सहयोग के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जो परीक्षाओं के लिए एक प्रासंगिक विषय है।
प्रश्न: इस समाचार लेख से मुख्य निष्कर्ष क्या हैं?
उत्तर: प्रमुख बातों में राजनयिक कार्यक्रमों की मेजबानी में भारत की भूमिका, नेटवर्किंग के अवसर और संसदीय लोकतंत्र को बढ़ावा देने के लिए सीपीए का मिशन शामिल है।