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दिव्य कला मेला 2024: विशाखापत्तनम में विकलांग कारीगरों को सशक्त बनाना

दिव्य कला मेला विशाखापत्तनम 2024

दिव्य कला मेला विशाखापत्तनम 2024

विशाखापत्तनम में 19वें दिव्य कला मेले का उद्घाटन: विकलांग कारीगरों को सशक्त बनाना

हाल ही में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में दिव्यांग कलाकारों की प्रतिभा और रचनात्मकता को प्रदर्शित करने वाले राष्ट्रीय मेले दिव्य कला मेले के 19वें संस्करण का उद्घाटन किया गया। यह कार्यक्रम भारत की कला और हस्तशिल्प की समृद्ध विविधता को उजागर करता है, तथा इन कलाकारों को अपना काम प्रदर्शित करने और आजीविका कमाने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

समावेशी आर्थिक विकास के लिए एक मंच

दिव्य कला मेला सिर्फ़ एक प्रदर्शनी नहीं है, बल्कि दिव्यांग कारीगरों को मुख्यधारा की अर्थव्यवस्था में शामिल करने के लिए एक महत्वपूर्ण मंच है। देश भर से 100 से ज़्यादा प्रतिभागियों के साथ, इस कार्यक्रम में हस्तशिल्प, हथकरघा, पेंटिंग, घर की सजावट की वस्तुएँ, आभूषण और बहुत कुछ जैसे विभिन्न उत्पाद प्रदर्शित किए जाते हैं। प्रदर्शित प्रत्येक वस्तु इन कारीगरों की अपार क्षमता और रचनात्मकता को दर्शाती है।

दिव्यांग कारीगरों के लिए सरकारी पहल

यह कार्यक्रम कौशल विकास, रोजगार और उद्यमिता के माध्यम से विकलांग व्यक्तियों (PwD) को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई पहलों की श्रृंखला का हिस्सा है। सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (DEPwD) यह सुनिश्चित करने के लिए अथक प्रयास कर रहा है कि दिव्यांग व्यक्तियों को स्वतंत्र और सम्मानजनक जीवन जीने के लिए आवश्यक सहायता मिले।

स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा

यह आयोजन न केवल कलाकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए एक मंच प्रदान करता है, बल्कि स्थानीय अर्थव्यवस्था में भी योगदान देता है। दिव्य कला मेला एक पर्यटन आकर्षण बन गया है, जो आगंतुकों को दिव्यांग कलाकारों की समृद्ध शिल्पकला का अनुभव करने के लिए प्रोत्साहित करता है। बदले में, यह पर्यटन, व्यापार और सांस्कृतिक आदान-प्रदान के अवसर पैदा करता है।

समावेशिता की ओर एक कदम

इन कलाकारों को अपना काम प्रदर्शित करने के लिए एक स्थान प्रदान करके, दिव्य कला मेला एक अनुस्मारक के रूप में कार्य करता है कि प्रतिभा की कोई सीमा नहीं होती है। यह एक समावेशी समाज को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है, जहाँ दिव्यांगों को आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने के समान अवसर दिए जाते हैं।


दिव्य कला मेला विशाखापत्तनम 2024

यह समाचार महत्वपूर्ण क्यों है

समावेशिता को बढ़ावा देना

19वां दिव्य कला मेला समावेशी समाज बनाने के सरकार के प्रयासों को रेखांकित करता है। यह आयोजन दिव्यांग कारीगरों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने के लिए एक राष्ट्रीय मंच प्रदान करता है, जिससे उनके सशक्तिकरण और स्वतंत्रता में योगदान मिलता है।

आर्थिक सशक्तिकरण पर ध्यान

यह पहल हाशिए पर पड़े समुदायों, खास तौर पर विकलांग लोगों (PwDs) को अर्थव्यवस्था में उनकी भागीदारी को बढ़ावा देकर सशक्त बनाने के व्यापक दृष्टिकोण से जुड़ी है। यह आर्थिक असमानताओं को कम करने और समावेशी विकास को बढ़ावा देने में योगदान देता है।

सांस्कृतिक महत्व

इस कार्यक्रम में भारत की विविध कलाओं और शिल्पों को प्रदर्शित किया जाता है, जिससे पारंपरिक शिल्प कौशल को संरक्षित किया जाता है। यह कला और शिल्प क्षेत्र में दिव्यांग व्यक्तियों के लिए अवसर पैदा करने के महत्व के बारे में जागरूकता को भी बढ़ावा देता है।

पर्यटन और स्थानीय व्यापार को सहायता प्रदान करना

यह मेला मेजबान शहर विशाखापत्तनम के लिए आर्थिक प्रोत्साहन का काम करता है, क्योंकि यह अद्वितीय हस्तशिल्प में रुचि रखने वाले पर्यटकों और खरीदारों को आकर्षित करता है। यह कारीगरों के लिए अधिक अवसर पैदा करने, स्थानीय व्यापार और पर्यटन को बढ़ावा देने में मदद करता है।


ऐतिहासिक संदर्भ: दिव्य कला मेला और दिव्यांगजन पहल

दिव्य कला मेला विकलांग लोगों (PwDs) को सशक्त बनाने के लिए भारत सरकार द्वारा की गई बड़ी पहल का एक हिस्सा है। 2016 में विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम के पारित होने के बाद से, अधिक समावेशी समाज बनाने के लिए कई प्रयास किए गए हैं। यह अधिनियम समान अधिकार, भेदभाव से सुरक्षा सुनिश्चित करता है, और पुनर्वास और सहायता सेवाएँ प्रदान करता है।

इसी के अनुरूप, दिव्यांगों की कलात्मक क्षमता को उजागर करने के लिए दिव्य कला मेला शुरू किया गया था। पिछले कुछ वर्षों में, यह एक प्रतिष्ठित मंच के रूप में विकसित हुआ है जो समावेशिता, रचनात्मकता और आर्थिक सशक्तिकरण का जश्न मनाता है। सरकार ने विकलांग लोगों के जीवन को बेहतर बनाने के उद्देश्य से सुलभ भारत अभियान और कौशल विकास प्रशिक्षण जैसे अन्य कार्यक्रम भी शुरू किए हैं।


विशाखापत्तनम में 19वें दिव्य कला मेले का अनावरण

सीरीयल नम्बर।कुंजी ले जाएं
1दिव्य कला मेले के 19वें संस्करण का विशाखापत्तनम में उद्घाटन किया गया, जिसमें भारत भर के दिव्यांग कारीगरों के उत्पाद प्रदर्शित किये गये।
2इस कार्यक्रम में 100 से अधिक प्रतिभागियों ने हस्तशिल्प, गृह सजावट की वस्तुओं, आभूषणों और हथकरघा उत्पादों की विस्तृत श्रृंखला प्रदर्शित की।
3इस आयोजन का उद्देश्य विकलांग लोगों को अपने कौशल का प्रदर्शन करने और आजीविका कमाने के लिए एक मंच प्रदान करके उन्हें सशक्त बनाना है।
4यह पहल दिव्यांग व्यक्तियों के लिए समावेशिता और आर्थिक भागीदारी को बढ़ावा देने के सरकार के प्रयासों का हिस्सा है।
5इस आयोजन से स्थानीय पर्यटन और व्यापार को भी बढ़ावा मिलेगा तथा कारीगरों और शहर के लिए आर्थिक अवसर बढ़ेंगे।
दिव्य कला मेला विशाखापत्तनम 2024

इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण प्रश्न

1. दिव्य कला मेला क्या है?

दिव्य कला मेला एक राष्ट्रीय मेला है जो विकलांग कारीगरों की प्रतिभा को प्रदर्शित करता है तथा उन्हें अपने हस्तशिल्प और कलाकृतियों को प्रदर्शित करने और बेचने के लिए एक मंच प्रदान करता है।

2. 19वां दिव्य कला मेला कहाँ और कब आयोजित किया गया?

हाल ही में आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में 19वां दिव्य कला मेला आयोजित किया गया।

3. दिव्य कला मेला का आयोजन कौन करता है?

यह कार्यक्रम भारत सरकार के सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के तहत विकलांग व्यक्तियों के सशक्तिकरण विभाग (डीईपीडब्ल्यूडी) द्वारा आयोजित किया जाता है।

4. दिव्य कला मेला अर्थव्यवस्था में किस प्रकार योगदान देता है?

यह मेला आगंतुकों को आकर्षित करके स्थानीय पर्यटन और व्यापार को बढ़ावा देता है, जिससे कारीगरों और स्थानीय समुदाय को आर्थिक अवसर मिलते हैं।

5. दिव्य कला मेला जैसे आयोजनों में समावेशिता क्यों महत्वपूर्ण है?

समावेशिता यह सुनिश्चित करती है कि विकलांग लोगों को आर्थिक गतिविधियों में भाग लेने के समान अवसर मिलें, तथा कला और शिल्प क्षेत्र में विविधता और प्रतिनिधित्व को बढ़ावा मिले।

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