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19 जनवरी 2023 को 18वां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल दिवस मनाया गया

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल

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19 जनवरी 2023 को 18वां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल दिवस मनाया गया

18 वां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (एनडीआरएफ) दिवस 19 जनवरी 2023 को मनाया गया। यह दिन 2006 में पहली बार एनडीआरएफ बटालियन की स्थापना का प्रतीक है, जो तब से 13-बटालियन बल में विकसित हो गया है। इस अवसर पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने एनडीआरएफ कर्मियों को राष्ट्र की सेवा में उनकी बहादुरी, समर्पण और निस्वार्थ भाव के लिए बधाई दी।

एनडीआरएफ 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित एक विशेष बल है। यह देश भर में आपदा प्रतिक्रिया, खोज और बचाव और राहत कार्यों के लिए जिम्मेदार है। बल आधुनिक उपकरणों से लैस है और शहरी खोज और बचाव, जल बचाव और चिकित्सा प्रतिक्रिया जैसे विशेष कौशल में प्रशिक्षित है।

पिछले एक साल में, एनडीआरएफ उत्तराखंड बाढ़, महाराष्ट्र भूस्खलन और पश्चिम बंगाल चक्रवात सहित कई हाई-प्रोफाइल आपदा प्रतिक्रिया कार्यों में शामिल रहा है। बल ने हजारों लोगों को बचाया है और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की है।

एनडीआरएफ का कार्य संकट के समय में नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए आवश्यक है। राष्ट्र और इसके लोगों की सेवा करने की बल की प्रतिबद्धता ने इसे पूरे देश का सम्मान और प्रशंसा अर्जित की है।

राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल

क्यों जरूरी है यह खबर

आपदा प्रतिक्रिया में एनडीआरएफ के योगदान का जश्न

18वां राष्ट्रीय आपदा बल दिवस देश में आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में एनडीआरएफ के योगदान का जश्न मनाने का एक अवसर है। राष्ट्र की सेवा में अपनी व्यावसायिकता, समर्पण और निस्वार्थता का प्रदर्शन करते हुए बल पिछले एक साल में कई हाई-प्रोफाइल बचाव और राहत कार्यों में सबसे आगे रहा है।

आपदा प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डाला

एनडीआरएफ का कार्य देश में आपदा प्रबंधन के महत्व पर प्रकाश डालता है। प्राकृतिक आपदाएं भारत में एक सामान्य घटना है, और उनका लोगों के जीवन और आजीविका पर विनाशकारी प्रभाव पड़ सकता है। प्रभावी आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों के लिए एनडीआरएफ के विशेष कौशल और उपकरण महत्वपूर्ण हैं।

एनडीआरएफ कर्मियों की बहादुरी और समर्पण को पहचानते हुए

एनडीआरएफ के कर्मी बेहद चुनौतीपूर्ण और खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं, अक्सर दूसरों को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डालते हैं। उनकी बहादुरी और समर्पण पूरे देश से मान्यता और प्रशंसा के पात्र हैं।

ऐतिहासिक संदर्भ

एनडीआरएफ की स्थापना 2006 में आपदा प्रबंधन अधिनियम के अधिनियमन के बाद की गई थी। आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को विशेष सहायता प्रदान करने के लिए बल बनाया गया था। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है और इसकी 13 बटालियन देश भर में फैली हुई हैं।

इन वर्षों में, NDRF कई हाई-प्रोफाइल आपदा प्रतिक्रिया कार्यों में शामिल रहा है, जिसमें 2013 उत्तराखंड बाढ़, 2018 केरल बाढ़ और 2019 चक्रवात फानी शामिल हैं । बल ने हजारों लोगों को बचाया है और प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित लोगों को राहत प्रदान की है।

“19 जनवरी 2023 को मनाया गया 18वां राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल दिवस” की मुख्य बातें

क्र.सं.कुंजी ले जाएं
1.एनडीआरएफ 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत गठित एक विशेष बल है।
2.बल देश भर में आपदा प्रतिक्रिया, खोज और बचाव और राहत कार्यों के लिए जिम्मेदार है।
3.एनडीआरएफ की देश भर में फैली 13 बटालियन हैं और यह आधुनिक उपकरणों से लैस है और शहरी खोज और बचाव, जल बचाव और चिकित्सा प्रतिक्रिया जैसे विशेष कौशल में प्रशिक्षित है।
4.एनडीआरएफ का कार्य संकट के समय नागरिकों की सुरक्षा और सुरक्षा के लिए आवश्यक है, और राष्ट्र की सेवा करने की इसकी प्रतिबद्धता ने इसे सम्मान और प्रशंसा अर्जित की है।
5.एनडीआरएफ के कर्मी देश की सेवा में बहादुरी और समर्पण का प्रदर्शन करते हुए चुनौतीपूर्ण और खतरनाक परिस्थितियों में काम करते हैं।
राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल

निष्कर्ष

अंत में, 18वां राष्ट्रीय आपदा बल दिवस देश में आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों में एनडीआरएफ के योगदान का जश्न मनाने का एक अवसर है। संकट के समय में नागरिकों की सुरक्षा और संरक्षा के लिए बल की व्यावसायिकता, समर्पण और निस्वार्थता आवश्यक है। एनडीआरएफ के कर्मी राष्ट्र की सेवा के लिए अपनी बहादुरी और समर्पण के लिए पूरे देश से सम्मान और सराहना के पात्र हैं।

इस समाचार से छात्रों के लिए महत्वपूर्ण अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

प्र. एनडीआरएफ क्या है?

उ. एनडीआरएफ आपदाओं और संबंधित मुद्दों को संभालने के लिए भारत सरकार द्वारा बनाई गई एक विशेष बल है।

प्र. एनडीआरएफ की क्या भूमिका है?

उ. एनडीआरएफ की प्राथमिक भूमिका आपदाओं और संबंधित घटनाओं का जवाब देना है, जिसमें खोज और बचाव, चिकित्सा सहायता और सहायता के अन्य रूप शामिल हैं।

प्र. NDRF की स्थापना कब हुई थी?

उ. 2005 के आपदा प्रबंधन अधिनियम के अधिनियमन के बाद 2006 में NDRF की स्थापना की गई थी ।

प्र. NDRF की कितनी बटालियन हैं?

उ. एनडीआरएफ में वर्तमान में 12 बटालियन हैं, जिनमें से प्रत्येक में लगभग 1200 कर्मचारी हैं।

प्र. एनडीआरएफ अन्य आपदा प्रतिक्रिया संगठनों से कैसे भिन्न है?

उ. एनडीआरएफ एक विशेष बल है जो केवल आपदा प्रतिक्रिया और राहत कार्यों के लिए समर्पित है। यह भारतीय सेना जैसे अन्य संगठनों से अलग है, जो आपदाओं के दौरान भी सहायता कर सकते हैं।

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